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चंदौली में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगते थे युवाओं को, पांच लाख रुपये लेकर करते थे भर्ती कराने का वादा

सेना भर्ती के नाम पर जनपद समेत आसपास के जिलों के युवाओं को ठगने वाले जालसाजों का गिरोह मंगलवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में गिरफ्तारी व बरामदगी के बारे में जानकारी दी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 05:17 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 07:30 PM (IST)
चंदौली में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगते थे युवाओं को, पांच लाख रुपये लेकर करते थे भर्ती कराने का वादा
सेना भर्ती के नाम पर युवाओं को ठगने वाले जालसाजों का गिरोह मंगलवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

जागरण संवाददाता, चंदौली। सेना में भर्ती के नाम पर युवाओं को ठगने वाले जालसाजों का गिरोह मंगलवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने सरगना समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से दो देसी पिस्टल, कारतूस, सेना की फर्जी मुहर, दस्तावेज, चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, आर्मी कैंटीन का स्मार्ट कार्ड, कार, बाइक, कंप्यूटर सेट और नौ मोबाइल बरामद किए हैं। ये जालसाज दर्जनों युवाओं को शिकार बना चुके हैं।

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सितंबर माह में जबलपुर (मध्य प्रदेश) सेना छावनी में फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ चंदौली के पांच युवाओं के पकड़े जाने के बाद इस रैकेट का पता चलने पर पुलिस सक्रिय हुई। बावर्दी पकड़े जाने के बाद भी जालसाज खुद को सेना का जवान बताकर पुलिस पर रौब गांठने की कोशिश करते रहे।

पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में बताया कि सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को ठगने वाला गिरोह जिले में सक्रिय था। इसका सरगना चंदौली में धानापुर के रायपुर गांव का रहने वाला रविकांत यादव उर्फ मक्खू है। मंगलवार को सूचना के आधार पर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने चहनियां-धानापुर मार्ग पर घेराबंदी की थी। थोड़ी देर बाद एक कार पहुंची। उसमें चालक के साथ चार युवक सेना की वर्दी में बैठे थे। तलाशी ली गई तो कार में डैश बोर्ड पर दो देसी पिस्टल बरामद हुई। पीछे रखे एक फोल्डर में सेना भर्ती के फर्जी दस्तावेज, मुहर, इंक पैड, चेक बुक, पासबुक समेत अन्य दस्तावेज थे। सेना के ओईसी (आपरेशनल इवैल्यूएशन कमांड) वाराणसी अजय कपूर के फर्जी हस्ताक्षरयुक्त दस्तावेज भी मिले।

पुलिस टीम ने कार में बैठे सरगना मक्खू के साथ ही धानापुर के रायपुर के रोहित यादव, गाजीपुर के जमानियां थाना के हरपुर नई बस्ती के विकास सिंह और आजमगढ़ के तरवां थाना के कम्हरियां निवासी दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर साइबर कैफे संचालक अलीनगर थाना के संघती गांव निवासी ङ्क्षरकू सिंह व उसके सहयोगी मवईं खुर्द के देवेंद्र श्रीवास्तव को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया।

पांच लाख रुपये लेकर करते थे भर्ती कराने का वादा

जालसाज सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं को अपना निशाना बनाते थे। जहां युवा दौड़, व्यायाम आदि करते, जालसाज सैन्य वर्दी पसेना में भर्ती के नाम पर युवाओं को ठगने वाले जालसाजों का गिरोह मंगलवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने सरगना समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से दो देसी पिस्टल, कारतूस, सेना की फर्जी मुहर, दस्तावेज, चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, आर्मी कैंटीन का स्मार्ट कार्ड, कार, बाइक, कंप्यूटर सेट और नौ मोबाइल बरामद किए हैैं। ये जालसाज दर्जनों युवाओं को शिकार बना चुके हैं।

सितंबर माह में जबलपुर (मध्य प्रदेश) सेना छावनी में फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ चंदौली के पांच युवाओं के पकड़े जाने के बाद इस रैकेट का पता चलने पर पुलिस सक्रिय हुई। बावर्दी पकड़े जाने के बाद भी जालसाज खुद को सेना का जवान बताकर पुलिस पर रौब गांठने की कोशिश करते रहे।

पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में बताया कि सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को ठगने वाला गिरोह जिले में सक्रिय था। इसका सरगना चंदौली में धानापुर के रायपुर गांव का रहने वाला रविकांत यादव उर्फ मक्खू है। मंगलवार को सूचना के आधार पर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने चहनियां-धानापुर मार्ग पर घेराबंदी की थी। थोड़ी देर बाद एक कार पहुंची। उसमें चालक के साथ चार युवक सेना की वर्दी में बैठे थे। तलाशी ली गई तो कार में डैश बोर्ड पर दो देसी पिस्टल बरामद हुई। पीछे रखे एक फोल्डर में सेना भर्ती के फर्जी दस्तावेज, मुहर, इंक पैड, चेक बुक, पासबुक समेत अन्य दस्तावेज थे। सेना के ओईसी (आपरेशनल इवैल्यूएशन कमांड) वाराणसी अजय कपूर के फर्जी हस्ताक्षरयुक्त दस्तावेज भी मिले।

पुलिस टीम ने कार में बैठे सरगना मक्खू के साथ ही धानापुर के रायपुर के रोहित यादव, गाजीपुर के जमानियां थाना के हरपुर नई बस्ती के विकास सिंह और आजमगढ़ के तरवां थाना के कम्हरियां निवासी दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर साइबर कैफे संचालक अलीनगर थाना के संघती गांव निवासी ङ्क्षरकू सिंह व उसके सहयोगी मवईं खुर्द के देवेंद्र श्रीवास्तव को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया।

पांच लाख रुपये लेकर करते थे भर्ती कराने का वादा

जालसाज सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं को अपना निशाना बनाते थे। जहां युवा दौड़, व्यायाम आदि करते, जालसाज सैन्य वर्दी पहनकर पहुंचते और उन्हें जाल में फंसाते थे। इसके बाद पांच लाख रुपये लेकर सेना में नौकरी लगवाने का वादा करते थे। रकम मिलने पर फर्जी नियुक्ति पत्र भी देते थे। सितंबर में जबलपुर स्थित छावनी में चंदौली के पांच और गाजीपुर के दो युवाओं का नियुक्ति पत्र फर्जी पाया गया था। इस पर सेना ने उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था। सभी वहां की सेंट्रल जेल में बंद हैं।

साइबर कैफे में तैयार होता था नियुक्ति पत्र

अलीनगर में साइबर कैफे संचालक रिंकू सिंह की मिलीभगत से जालसाज फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कराते थे। पहले सेना की वेबसाइट पर जाकर नियुक्ति पत्र कापी करते थे। उसे कंप्यूटर में अपलोड कर युवाओं का नाम-पता बदलकर फर्जी नियुक्ति पत्र बना देते थे। गिरोह के सरगना मक्खू यादव ने जालसाजी की काली कमाई से अपने पैतृक गांव में दो मंजिला आलीशान मकान बनवाया है। इसके अलावा विभिन्न बैंक खातों में भी लाखों की रकम जमा की है। पुलिस उसके व अन्य आरोपितों के बैंक खातों की पड़ताल कर रही है।

खुद भी फर्जी तरीके से सेना में पाई थी नौकरी

सरगना रविकांत उर्फ मक्खू ने अपने स्थान पर किसी और को परीक्षा में बैठाकर सेना की लिखित परीक्षा पास की थी। इसके बाद उसे विभिन्न छावनियों में प्रशिक्षण के लिए भी भेजा गया था, लेकिन बाद में धोखाधड़ी उजागर होने पर उसे सेना से निकाल दिया गया। हनकर पहुंचते और उन्हें जाल में फंसाते थे। इसके बाद पांच लाख रुपये लेकर सेना में नौकरी लगवाने का वादा करते थे। रकम मिलने पर फर्जी नियुक्ति पत्र भी देते थे। सितंबर में जबलपुर स्थित छावनी में चंदौली के पांच और गाजीपुर के दो युवाओं का नियुक्ति पत्र फर्जी पाया गया था। इस पर सेना ने उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था। सभी वहां की सेंट्रल जेल में बंद हैं।

साइबर कैफे में तैयार होता था नियुक्ति पत्र

अलीनगर में साइबर कैफे संचालक रिंकू सिंह की मिलीभगत से जालसाज फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कराते थे। पहले सेना की वेबसाइट पर जाकर नियुक्ति पत्र कापी करते थे। उसे कंप्यूटर में अपलोड कर युवाओं का नाम-पता बदलकर फर्जी नियुक्ति पत्र बना देते थे। गिरोह के सरगना मक्खू यादव ने जालसाजी की काली कमाई से अपने पैतृक गांव में दो मंजिला आलीशान मकान बनवाया है। इसके अलावा विभिन्न बैंक खातों में भी लाखों की रकम जमा की है। पुलिस उसके व अन्य आरोपितों के बैंक खातों की पड़ताल कर रही है।

खुद भी फर्जी तरीके से सेना में पाई थी नौकरी

सरगना रविकांत उर्फ मक्खू ने अपने स्थान पर किसी और को परीक्षा में बैठाकर सेना की लिखित परीक्षा पास की थी। इसके बाद उसे विभिन्न छावनियों में प्रशिक्षण के लिए भी भेजा गया था, लेकिन बाद में धोखाधड़ी उजागर होने पर उसे सेना से निकाल दिया गया।


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