चंदौली में आशा घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री को देंगी पोषण की दवा, 31 मई तक चलेगा सुरक्षित मातृत्व अभियान
मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक और नई पहल की है। एक कदम सुरक्षित मातृत्व अभियान कि शुरुआत हो गई है। इसमें गर्भावस्था और प्रसव के उपरांत महिलाओं के पोषण पर जोर दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, चंदौली : मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक और नई पहल की है। एक कदम सुरक्षित मातृत्व अभियान कि शुरुआत हो गई है। इसमें गर्भावस्था और प्रसव के उपरांत महिलाओं के पोषण पर जोर दिया जाएगा। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री महिलाओं को चिह्नित करेंगी। समय - समय पर उनकी सेहत की स्थिति देखी जाएगी और उनको पोषण की दवाएं भी दी जाएंगी।
दरअसल, तमाम कोशिशों के बावजूद जिले की महिलाएं कुपोषण व एनीमिया बीमारी से निकल नहीं पा रही हैं। इससे बचाव के लिए कुछ गर्भवती को दवाएं नहीं मिल पाती है तो कई जगह आयरन फोलिक एसिड की गोलियां फेंक दी जाती हैं। एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 9.7 प्रतिशत गर्भवती 180 गोलियां व 22.3 प्रतिशत गर्भवती 100 गोलियां खाती है। यह हालत तब है जब आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी प्रत्येक गर्भवती को आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, फोलिक एसिड, एल्बेंडाजोल की गोलियां देकर उन्हें खाने के लिए प्रेरित कर रहती हैं। फिर भी महिलाएं इन दवाओं का सेवन नियमित नहीं कर पाती हैं। इसके दृष्टिगत यह अभियान शुरू किया गया है।
मातृ पोषण के लिए दी जाएंगी निश्शुल्क दवाएं
31 मई तक चलने वाले अभियान में प्रत्येक गर्भवती व धात्री तक आयरन, कैल्शियम, एलबेंडाजोल व फोलिक एसिड की उपलब्धता का काम किया जाएगा। प्रसव पूर्व जांच व समय से गोलियों के सेवन के लिए जागरूक किया जाएगा। मातृ पोषण के लिए आवश्यक दवाएं निश्शुल्क दी जाएंगी। अभियान के तहत मिलने वाली सेवा सभी स्वास्थ्य इकाइयों, ओपीडी और आइडीपी, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी), मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला के माध्यम से भी दी जाएंगी।
कराए जाएंगे यह कार्य
प्रथम त्रै - मासिक वाली सभी गर्भवती को फोलिक एसिड उपलब्ध कराई जाएगी। दूसरे और तृतीय त्रैमास की गर्भवती से पूर्व में दिए गए आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम की गोलियों के बारे में जानकारी ली जाएगी। सभी गर्भवती का वजन व लंबाई लेना। इसके लिए वजन मशीन और टेप का प्रयोग किया जाए। पिछली प्रसवपूर्व जांच में लिए गए वजन से तुलना कर वजन में वृद्धि का आकलन होगा। उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें चिकित्सा इकाईयों पर संदर्भित किया जाएगा।
अभियान में गर्भवती व धात्री की सेहत का ख्याल रखा जाएगा
अभियान में गर्भवती व धात्री की सेहत का ख्याल रखा जाएगा। प्रसव पूर्व जांच व समय पर गोलियों के सेवन के लिए जागरूक भी किया जाएगा। मातृ पोषण के लिए आवश्यक सभी दवाएं निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।
- डा. वाईके राय, मुख्य चिकित्साधिकारी