विधायक विजय मिश्र के प्रकरण में पीडि़त का मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में बयान दर्ज
विधायक विजय मिश्र पर दर्ज मुकदमे के मामले में बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशुतोष ने शिकायकर्ता कृष्णमोहन तिवारी की कलम बंद बयान दर्ज की।
भदोही, जेएनएन। विधायक विजय मिश्र, मीरजापर-सोनभद्र एमएलसी रामलली मिश्र और उनके कारोबारी पुत्र विष्णु मिश्र पर दर्ज मुकदमे के मामले में बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशुतोष ने शिकायकर्ता कृष्णमोहन तिवारी की कलम बंद बयान दर्ज की। पीडि़त ने अपने बयान में पुलिस को दिए गए तहरीर का समर्थन किया है। इसके साथ ही विधायक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उधर कृष्णमोहन और उनकी मां का आडियो भी वायरल हो रहा है। उन्होंने विधायक की ओर से की जा रही मदद सहित अन्य कई तथ्यों को स्वीकार किया है।
गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के कौलापुर निवासी कृष्णमोहन तिवारी ने तहरीर देकर आरोप लगाया था कि विधायक विजय मिश्र उसके परिवार को मारपीट कर मकान पर कब्जा कर लिया है। आरोप लगाया कि उसके नाम से फर्म चलाई जा रही है, साथ ही कई विभागों में रजिस्ट्रेशन कराकर उनके नाम से ठेकेदारी भी किया जा रहा है। कुछ महीने बाद ही विधायक ने फर्म को अपने हाथ में ले लिया और पूरा कार्य स्वयं करने लगे। पैसे का लेन-देन अपने स्वयं के फर्मों के खाते में तथा अपनी पत्नी रामलली व अपने पुत्र विष्णु मिश्र के खाते में जमा कराने लगे। पुलिस ने इस मामलों में विधायक सहित तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। विवेचना कर रहे प्रभारी निरीक्षक कृष्णानंद राय ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कृष्णमोहन तिवारी से साक्ष्य आदि लेने के बाद विवेचक द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 164 के तहत बयान दर्ज कराने लिए पेश किया गया। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि शिकायतकर्ता ने तहरीर का समर्थन करते हुए कोर्ट में बयान दर्ज कराया है।
शिकायतकर्ता और कृष्णमोहन की आडियो वायरल
शिकायत कर्ता कृष्णमोहन तिवारी और उनकी मां का आडियो सोशल साइट पर वायरल हो रहा है। आडियो में शिकायतकर्ता की मां सुशीला देवी खुद कह रही है कि किसी को बंधक नहीं बनाया गया था। उनके परिवार के लोग खपटिया और अन्य जगह पर विधायक और उनके पुत्र विष्णु के साथ-साथ गए थे। विधायक ने कृष्णमोहन के इलाज के लिए 3.50 लाख दिया है। कृष्णमोहन के आडियो में कहा गया है कि विधायक और विष्णु से उनका मधुर संबंध है। किसी भी प्रकार का विवाद नहीं था। इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण बिदुओं पर चर्चा किया गया है।