बैंकों में ऋण जमानुपात कम होने का असर विकास दर पर, रुपये की निकासी हो रही है कम
जौनपुर के बैकों में रुपये की डिपाजिट अधिक है जबकि निकासी कम हो रही है। बैंकों का ऋण जमा अनुपात 25.24 है जो काफी कम है।
जौनपुर, जेएनएन। जनपद के बैकों में रुपये की डिपाजिट अधिक है, जबकि निकासी कम हो रही है। बैंकों का ऋण जमा अनुपात 25.24 है, जो काफी कम है। नियमत: ऋण जमा अनुपात 40 फीसद होना चाहिए। बैंक लोन के निर्धारित लक्ष्य को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कहीं-कहीं तो स्थिति यह है कि लोगों को बैंकों में लोन के लिए काफी चक्कर लगाना पड़ता हैं। इससे जिले के सामाजिक ढांचे व विकास पर काफी प्रभाव पड़ रहा है।
जिले में कुल जमा धनराशि जहां 16 हजार 844 करोड़ है तो वर्ष 2019-20 में महज चार हजार 252 करोड़ रुपये ऋण दिए गए हैं। बैंक के अधिकारी इसके पीछे का कारण यह बताते हैं कि यहां बाहर कमाने वाले लोग ज्यादा हैं। इस वजह से खातों में अधिक धनराशि आती है और निकासी कम हो रही है। वहीं बड़े उद्योगों के न होने के कारण ज्यादा ऋण नहीं हो पाता। देखा जाए तो यहां किसानों को व्यावसायिक खेती के लिए भी ऋण दिया जा सकता है। बावजूद जिले की 21 बैंक की कुल 360 शाखाओं द्वारा ऋण जमा अनुपात के लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सका है। बसारतपुर के भूपेंद्र कुमार सिंह, सिटी स्टेशन मां काली मंदिर के सर्वेश सिंह, गोपीपुर के दिनेश सिंह, शिवशंकर सिंह, भानू मौर्या आदि लोन के लिए बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं। कहा कि कई बार आवेदन किए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब तो लोन की आस ही छोड़ दिए हैं।
बड़े उद्योगों के न होने व निकासी न होने के कारण ऋण जमानुपात कम
जनपद में काफी संख्या में लोग महानगरों में रहते हैं। ऐसे में खातों में रुपये अधिक हैं। उसके सापेक्ष निकासी कम होती है। ऋण जमानुपात 25.24 फीसद है। इसका लक्ष्य 40 फीसद है। बड़े उद्योगों के न होने व निकासी न होने के कारण ऋण जमानुपात कम हैं।
-उदय नारायण सिंह, एलडीएम।