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वाराणसी में वरुणा तटीय प्रतिबंधित क्षेत्र में चल रहा अवैध निर्माण सील, कैंट पुलिस की अभिरक्षा में सौंपा भवन

वरुणा नदी किनारे प्रतिबंधित क्षेत्र ग्रीन बेल्ट में हो रहे निर्माण को विकास प्राधिकरण की टीम ने सोमवार को सील कर कैंट पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया। शास्त्री घाट से सटे न्यू वरुणापुल के पास नदी के डूब क्षेत्र में चोरी-छिपे दो मंजिल निर्माण कर लिया गया था ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 08:50 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 09:34 AM (IST)
वाराणसी में वरुणा तटीय प्रतिबंधित क्षेत्र में चल रहा अवैध निर्माण सील, कैंट पुलिस की अभिरक्षा में सौंपा भवन
प्रतिबंधित क्षेत्र ग्रीन बेल्ट में हो रहे निर्माण को विकास प्राधिकरण की टीम ने सोमवार को सील कर दिया।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। वरुणा नदी किनारे प्रतिबंधित क्षेत्र ग्रीन बेल्ट में हो रहे निर्माण को विकास प्राधिकरण की टीम ने सोमवार को सील कर कैंट पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया। कचहरी के शास्त्री घाट से सटे न्यू वरुणापुल के पास नदी के डूब क्षेत्र में चोरी-छिपे दो मंजिल निर्माण कर लिया गया था और तीसरे पर कॉलम आदि खड़ा करके निर्माणकार्य जारी था।

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विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी परमानंद यादव, जेई प्रमोद कुमार तिवारी के साथ मौके पर पहुंचे और डूब क्षेत्र में हो रहे निर्माण को सील कराया। जोनल अधिकारी के मुताबिक करीब 21 फीट चौड़े और 34 फीट लंबे हिस्से में यह निर्माण ओमप्रकाश जायसवाल करा रहे थे। कैंट पुलिस को मौके पर बुलाकर इस निर्माण को सील करके पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया गया। बताया, डूब क्षेत्र में निजी भूमि पर भी कोई निर्माण नहीं कर सकता क्योंकि वह मास्टर प्लान में प्रतिबंधित क्षेत्र है। उधर, सारनाथ वार्ड के बरईपुर शक्तिपीठ के सामने मुसाफिर सिंह यादव के मकान को जेई पीएन दूबे ने सारनाथ पुलिस की मदद से सील कर दिया।

दोनों ओर 50 मीटर है ग्रीन बेल्ट

वाराणसी विकास प्राधिकरण की महायोजना-2031 में वरुणा नदी की तलहटी के बाद दोनों ओर 50 मीटर का डूब क्षेत्र वाला हिस्सा ग्रीन बेल्ट घोषित है। इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति पेड़-पौधे लगा सकता है। खेती कर सकता है लेकिन पक्का निर्माण नहीं कर सकता है।

739 भवन हैं चिंहित

- विकास प्राधिकरण ने चार साल पहले कराए गए सर्वे में वरुणा कॉरिडोर में 739 भवनों को चिंहित किया है। हालांकि यह भवन काफी पुराने हैं और जब निर्माण की मनाही नहीं थी तब के बने हुए हैं। इसीलिए सर्वे में इन मकानों के डूब क्षेत्र में आने के बाद भी वीडीए कार्रवाई से हट गया है।

प्रणय सिंह को नगर निगम व विशिष्ट क्षेत्र की कमान : नगर निगम के नए नगर आयुक्त 2015 बैच के आइएएस अधिकारी प्रणय सिंह होंगे। शासन ने रविवार देर रात इनकी तैनाती करने के साथ श्री काशी विश्वनाथ मंदिर विशिष्ठ क्षेत्र विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की भी जिम्मेदारी सौंपी है। प्रणय सिंह सहारनपुर में बतौर सीडीओ कार्यरत थे। मूलरूप से गाजियाबाद जिले के रहने वाले प्रणय सिंह इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ एमबीए डिग्री धारक भी हैं। माना जा रहा है इस कारण ही उन्हें प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में नगरीय प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई। साथ ही पीएम की प्राथमिकता सूची में शामिल काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र की भी जिम्मेदारी दी गई है।


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