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पुरानी तस्वीर के आधार पर टूटेंगे प्रतिबंधित क्षेत्र के अवैध निर्माण, पुरातात्विक स्थल को विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने की दिशा में कदम

महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ के पुरा स्थलों के प्रतिबंधित क्षेत्र के अवैध निर्माण पुरानी तस्वीरों के आधार पर तोड़े जाएंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 10:35 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 08:59 PM (IST)
पुरानी तस्वीर के आधार पर टूटेंगे प्रतिबंधित क्षेत्र के अवैध निर्माण, पुरातात्विक स्थल को विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने की दिशा में कदम
पुरानी तस्वीर के आधार पर टूटेंगे प्रतिबंधित क्षेत्र के अवैध निर्माण, पुरातात्विक स्थल को विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने की दिशा में कदम

वाराणसी [प्रमोद यादव]। महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ के पुरा स्थलों के प्रतिबंधित क्षेत्र के अवैध निर्माण पुरानी तस्वीरों के आधार पर तोड़े जाएंगे। इन अवैध निर्माणों को तत्काल रोकने की बजाय अनदेखी करने वाले दंडित भी होंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण महानिदेशालय की ओर से इसकी तैयारी की जा रही है। बनारस के पुरा वैभव का श्रेष्ठ अध्याय धर्म चक्र प्रवर्तन स्थली सारनाथ को विश्व धरोहर सूची में दर्ज कराने के राह के रोड़े दूर करने के लिहाज से यह कदम उठाया जाएगा। इसके लिए महानिदेशालय से आदेश आने की देर है।

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पुरातात्विक स्थलों के सौ मीटर का दायरा प्रतिबंधित व इसके बाद का 200 मीटर विनियमित क्षेत्र में आता है। रोक के बाद भी इसमें वर्षों से तमाम भवनों का निर्माण व विस्तार किया जाता रहा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से इसकी स्थानीय पुलिस, प्रशासन व नगर विकास से जुड़ी इकाइयों से शिकायत के बाद भी इन्हें नियंत्रित नहीं किया गया।

अब सारनाथ को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए दो दिन पहले दस्तावेज भेजा गया है। इसके आकलन के बाद निरीक्षण व परीक्षण शुरू होगा। इससे पहले ही इन अवैध निर्माणों को हटाना जरूरी होगा।  सारनाथ डेढ़ दशक से विश्व धरोहर की संभावित सूची में रहा है। इसी साल अप्रैल में इसे सूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया था। इसे देखते हुए एएसआइ पिछले महीने ही सभी अवैध निर्माणों की सचित्र सूची के साथ तत्समय की गई शिकायतों की जानकारी मुख्यालय भेज चुका है। इसमें इसी साल के लगभग सौ अवैध निर्माण हैैं। एएसआइ पुरातत्वविद् अधीक्षण डा. नीरज सिन्हा के अनुसार अवैध निर्माणों की सूची मुख्यालय भेजी जा चुकी है। उसमें अतिक्रमण के समय की तस्वीरें भी हैैं। 

विश्व धरोहर सूची में जाने के लिए खुद की सजगता जरूरी

विश्व धरोहर सूची में किसी स्थल को शामिल कराने के लिए उसे लेकर इकाई विशेष, स्थानीय प्रशासन के साथ ही प्रदेश व केंद्र सरकार की सजगता भी जरूरी है। यूनेस्को के आकलन में उनके संरक्षण के लिए बनाए गए नियम-कानूनों का पालन की स्थिति भी देखी जाती है।


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