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IIT BHU का डायनामिक्स आब्जर्वेटरी मिशन पर शोध नासा की दशकीय उपलब्धि में हुआ शामिल

आइआइटी बीएचयू की सफलता के तार अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा से भी जुड़ गए हैं।

By Edited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 02:24 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 09:55 AM (IST)
IIT BHU का डायनामिक्स आब्जर्वेटरी मिशन पर शोध नासा की दशकीय उपलब्धि में हुआ शामिल
IIT BHU का डायनामिक्स आब्जर्वेटरी मिशन पर शोध नासा की दशकीय उपलब्धि में हुआ शामिल

वाराणसी [हिमांशु अस्‍थाना]। आइआइटी बीएचयू वाराणसी की सफलता के तार अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा से भी जुड़ गए हैं। इस संस्थान में भौतिकी विभाग के प्रोफेसर डा. अभिषेक श्रीवास्तव के नेतृत्व में किए गए एक अनुसंधान को नासा ने अपने सोलर डायनामिक्स आब्जर्वेटरी (एसडीओ) मिशन में दशकीय उपलब्धि व नासा के प्राइम टेन में शुमार हुअा है। डा. अभिषेक के नेतृत्व में पीएचडी के छात्र सुधीर मिश्रा और प्रो. बीएन द्विवेदी ने सूर्य के बाहरी वातावरण (कोरोना) पर अध्ययन कर नए चुंबकीय विस्फोट की खोज की है।

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दस लाख केल्विन पहुंच जाता है कोरोना का तापमान : अपने अध्ययन में उन्होंने पाया कि सूर्य के बाहरी वातावरण से आए एक विक्षोभ से दो नजदीकी चुंबकीय क्षेत्र आपस में टकराकर भारी मात्रा में ऊर्जा निकालते हैं। इससे कोरोना का तापमान लगभग दस लाख केल्विन तक पहुंच जाता है जिससे सूरज का उच्च तापमान बना रहता है। उनका यह शोध अमेरिका के द एस्ट्रो फिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

धरती से है इस खोज का संबंध : डा. अभिषेक ने बताया कि पृथ्वी के बाहरी आवरण पर सौर पवनों का काफी प्रभाव होता है। वहीं सौर पवनों पर सूर्य के कोरोना में होने वाली चुंबकीय गतिविधियों का काफी असर पड़ता है। इस तरह से सूर्य व धरती के वातावरण का अध्ययन व मौसम की भविष्यवाणी की जा सकेगी। साथ ही अंतरिक्ष में सेटेलाइटों के संचालन में भी आसानी होगी।

नासा ने 2010 में शुरू किया था मिशन : नासा ने सूर्य पर अध्ययन के लिए फरवरी 2010 में एसडीओ मिशन शुरू किया था। इसके बाद से दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पर अनुसंधान करने के लिए जुड़े व नासा ने दस वर्ष की उपलब्धि का एक खाका तैयार किया। इसमें डा. अभिषेक व उनकी टीम के शोध को अपनी दशकीय उपलब्धि में शुमार कर लिया।

फरवरी में एक और मिशन की शुरुआत : इस मिशन के दस साल पूरे होने पर 11 फरवरी को यूरोपियन स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर नासा ने सोलर आर्बिटर सेटेलाइट लांच किया है। डा. अभिषेक ने बताया कि इसके तहत सूर्य के ध्रुवीय क्षेत्र के रहस्यों को उजागर किया जाएगा। इस क्षेत्र में अभी तक कोई अनुसंधान नहीं हुआ है। इसमें सौर पवनों की उत्पत्ति व गतिविधियों से जुड़ी जानकारियां जुटाई जाएंगी।


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