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आइआइटी-बीएचयू में लॉकडाउन के समय करोड़ों की खरीदारी में वित्तीय गड़बड़ी की शिकायत

आइआइटी-बीएचयू में लॉकडाउन के दौरान करोड़ों रुपये के उपकरण की खरीद को लेकर संस्थान के ही एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने सवाल उठाए हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 09:38 PM (IST)
आइआइटी-बीएचयू में लॉकडाउन के  समय करोड़ों की खरीदारी में वित्तीय गड़बड़ी की शिकायत
आइआइटी-बीएचयू में लॉकडाउन के समय करोड़ों की खरीदारी में वित्तीय गड़बड़ी की शिकायत

वाराणसी, जेएनएन। आइआइटी-बीएचयू में लॉकडाउन के दौरान करोड़ों रुपये के उपकरण की खरीद को लेकर संस्थान के ही एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने सवाल उठाए हैं। आरोप है कि स्नातक व स्नातकोत्तर लैब को समृद्ध करने के लिए आवंटित धन का उपयोग रिसर्च की महंगी और गैर जरूरी मशीनों की खरीद में की गई है। इस संदर्भ में संस्थान निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन से शिकायत कर वित्तीय गड़बड़ी की आशंका भी जाहिर की गई है।

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लॉकडाउन के दौरान सत्र 2019-20 के तहत मार्च के अंत में कुल 48,91,126 रुपये के उपकरणों की खरीद हुई। शिकायत के अनुसार रिसर्च करने वालों के प्रोजेक्ट के आधार पर उपकरणों की खरीद के लिए अलग से धन आवंटित होते हैं। ऐसे में स्नातक व परास्नातक लैब के लिए आवंटित धन का उपयोग रिसर्च में प्रयुक्त मशीनों की खरीद के लिए किया गया, जो सरासर गलत है। वहीं सत्र 2020-21 के लिए कुल 15.53 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसमें ज्यादातर ऐसे फैकल्टी मेंबर को तरजीह मिली है, जिनके पास न तो प्रोजेक्ट हैं, न उन्होंने कोई संगोष्ठी या कार्यशाला कराई और न ही कोई पेपर प्रस्तुत किया है। बावजूद इसके ऐसे लोगों को उपकरण खरीदने के नाम पर करोड़ों रुपये आवंटित कर दिए गए हैं। शिकायतकर्ता ने वित्तीय गड़बड़ी की ओर संस्थान निदेशक का ध्यान आकृष्ट कराते हुए विभागाध्यक्षों से नियमों का पालन कराने की गुहार लगाई है।

शनिवार को उन्हें बुलाकर प्रकरण को समझने और उसके निवारण का प्रयास करूंगा

सभी विभाग अपने फैकल्टी मेंबर की बैठक के बाद ही किसी उपकरण को खरीदने का निश्चय करते हैं। उसी सूची के हिसाब से संस्थान से अप्रूवल मिलता है। खरीद के बाद बिल का भुगतान वित्त विभाग करता है। शिकायत करने वाले प्रोफेसर का उपकरण सूची में शामिल नहीं हो पाया होगा। शनिवार को उन्हें बुलाकर प्रकरण को समझने और उसके निवारण का प्रयास करूंगा।

- प्रो. प्रमोद कुमार जैन, निदेशक-आइआइटी, बीएचयू।


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