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मुख्‍यमंत्री की चौखट पर न्‍याय में - 'कुछ नेटवर्क समस्‍या हो सकती है, कृपया कुछ समय बाद कोशिश करें'

अधिकारियों से न्याय नहीं मिलने पर लोगों को मुख्यमंत्री का द्वार ही नजर आता है। पिछले एक पखवारे से लोगों के उम्मीद की अंतिम द्वार भी बंद हो गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 10:38 AM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 10:38 AM (IST)
मुख्‍यमंत्री की चौखट पर न्‍याय में - 'कुछ नेटवर्क समस्‍या हो सकती है, कृपया कुछ समय बाद कोशिश करें'
मुख्‍यमंत्री की चौखट पर न्‍याय में - 'कुछ नेटवर्क समस्‍या हो सकती है, कृपया कुछ समय बाद कोशिश करें'

वाराणसी [अशोक सिंह]। अधिकारियों से न्याय नहीं मिलने पर लोगों को मुख्यमंत्री का द्वार ही नजर आता है। पिछले एक पखवारे से लोगों के उम्मीद की अंतिम द्वार भी बंद हो गया है। जी हां प्रदेश सरकार की आइजीआरएस (समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली) की सभी सेवाएं ठप हो गईं हैं। इतना ही नहीं सीएम हेल्पलाइन नंबर 1076 भी काम करना बंद कर दिया है। इस कारण लोग अपनी समस्या के निवारण के लिए आइजीआरएस पर शिकायत नहीं कर पा रहे हैं। पहले की शिकायतों की कोई सूचना भी नहीं मिल रही है।  

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जनसमस्याओं की घर बैठे आनलाइन शिकायतें दर्ज करने और उसके संबंध में होने वाली कार्रवाई की जानकारी आइजीआरएस के द्वारा प्राप्त की जा सकती है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में भी है। अधिकारियों को सख्त हिदायत है कि वे आइजीआरएस की शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण तरीके से त्वरित निस्तारण करें। जनशिकायतों के लिए ऐसा सुलभ व महत्वपूर्ण माध्यम ठप है। बार-बार चेक करने के बाद पोर्टल खुल नहीं रहा है।

खोलने पर शिकायत पंजीकरण, शिकायत की स्थिति, अनुस्मारक भेजें, निस्तारण पर फीडबैक दें आदि को क्लिक करने पर  'कृपया कुछ समय बाद कोशिश करें' का मैसेज आ रहा है। इस कारण प्रशासन भी हाथ पर हाथ रखे बैठा है। कोई शिकायत पहले प्राप्त हुई है तो उसके निस्तारण को प्रशासन अपलोड भी नहीं कर पा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री सन्दर्भ, आर्थिक मदद सन्दर्भ से जुड़ी गांव से लेकर ब्लाक, तहसील, थाना व जिला स्तर तक सभी जनसमस्याओं का काम प्रभावित हैं। 

आइजीआरएस की सभी सेवाएं लखनऊ से ही तकनीकी कारणों से रोक दी गईं हैं। ये सेवा पूरे उत्तर प्रदेश में बाधित चल रही है। हमलोग इसमें जिला स्तर से निस्तारण और शिकायतों को अपलोड नहीं कर पा रहे हैं। 

प्रसून अग्रवाल, ई-डिस्ट्रीक मैनेजर। 

केस--1 : ग्राम रामचन्दीपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सुनील यादव ने बताया कि सार्वजनिक खड़ंजा पर अवैध कब्जा के संबंध में और गंगा सोता में भूमि कटान को रोकने के लिए तटबंध बनाने के संबंध में शिकायतें जनसुनवाई पोर्टल पर किया था। पोर्टल खुल नहीं रहा है। इस कारण आनलाइन शिकायतों की स्थिति का पता नहीं चल पा रहा है। 

केस-2 : एडवोकेट कमलेश सिंह ने बताया कि समस्या के निस्तारण के लिए पोर्टल पर शिकायत किया था। बिना निस्तारण के निस्तारित दिखा दिया गया था। इसका पुन: शिकायत किया लेकिन अब कुछ पता नहीं चल रहा है। पिछले एक सप्ताह से पोर्टल पर स्थिति जानने के लिए खोल रहा हूं। पता नहीं चल रहा है कि वर्तमान स्थिति क्या है।


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