Lockdown in Varanasi किराएदार या कर्मचारी को निकाला तो होगी कार्रवाई, जिलाधिकारी ने दिए आदेश
निजी कंपनी से किसी कर्मचारी या मकान से किराएदार को नहीं निकाला जा सकता है। लॉकडाउन के मद्देनजर जिला जिला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा ने यह आदेश जारी किया है।
वाराणसी, जेएनएन। निजी कंपनी से किसी कर्मचारी या मकान से किराएदार को नहीं निकाला जा सकता है। कोरोना वायरस को लेकर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर जिला जिला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा ने यह आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि किसी कर्मचारी या किराएदार को निकालने के लिए दबाव बनाने की भी शिकायत मिली तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी नियोक्ता (दुकानदार, वाणिज्यिक व औद्योगिक संस्थान) लॉकडाउन अवधि के दौरान अपने सभी कर्मचारियों के वेतन, मानदेय, लॉकडाउन अवधि के दौरान बिना किसी कटौती के भुगतान करेंगे। साथ ही किराए पर रहने वालों से संबंधित मकान मालिक एक माह का किराया नहीं लेंगे। कोई मकान मालिक कामगार, मजदूर या विद्यार्थियों को अपने घर, परिसर से बलपूर्वक नहींं बाहर कर सकेगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सफाई कर्मियों को एक सप्ताह पहले मिला वेतन
कोविड-19 वायरस के संक्रमण को रोकने में लगे सफाई कर्मियों का वेतन निगम प्रशासन ने एक सप्ताह पहले सोमवार को ही जारी कर दिया। नियमित सफाई कर्मचारियों के खाते में वेतन पहुंच गया है जबकि संविदा और आउट सोर्सिंग के कर्मचारियों के खाते में यह बुधवार तक पहुंच जाएगी। सामान्य दिनों में यह पांच से 10 तारीख तक खाते में जाता था। नगर आयुक्त गौरांग राठी के निर्देश पर कर्मचारियों के कमी होने के बावजूद लेखाधिकारी मनोज त्रिपाठी की टीम ने इसे किया है। इसमें नियमित कर्मियों, दैनिक कर्मचारी, संविदा कर्मियों, आऊटसोर्सिंग कर्मियों, पेंशनरों, ड्राइवरों, मालियों, कंप्यूटर आपरेटरों, रक्षक दल एवं प्रवर्तन दल का वेतन/मानदेय शामिल है। इस पर कुल 12.76 करोड़ खर्च हुआ है। नगर निगम में कुल 5700 कर्मी सेवारत हैं एवं 1956 सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशनर हैं।