जातिवाद व गुटबाजी का शिकार हुई मैं
रामनगर : नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष सीट पर दो बार से विजयी रहीं रेखा शर्मा ने शुक्रवार को ह
रामनगर : नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष सीट पर दो बार से विजयी रहीं रेखा शर्मा ने शुक्रवार को हुई मतगणना के बाद एक बारगी फिर जीत हासिल कीं। फर्क बस इतना था कि बीते निकाय के दो चुनावों में वह कांग्रेस के बैनर पर चुनाव लड़ी थीं जबकि इस बार वह बागी प्रत्याशी बनते हुए निर्दल पर्चा भरा था। इसके बाद भी मिली जीत को वह सबसे बड़ी जीत मान रही हैं।
हां, यह जरूर है कि जीत मिलने के बाद भी उनके मन में मलाल भी था। यह मलाल स्थानीय कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों के व्यवहार को लेकर था। उन्होंने दैनिक जागरण प्रतिनिधि से विशेष बातचीत में बताया कि स्थानीय संगठन की जातिवादी नीति व गुटबाजी का शिकार हुई हूं। जाति विशेष के एक बड़े नेता के कहने पर टिकट कटा जबकि प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा था कि रेखा शर्मा आपका टिकट पक्का है और आप चुनाव की तैयारी करें लेकिन चुनाव के दौरान उनका टिकट जब कटा तो एक बारगी विश्वास नहीं हुआ। हां, जब स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने जा रहा तो जनता के प्यार व विश्वास के भरोसे निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरना बेहतर समझा। जनता ने भरोसा बनाए रखा और मतगणना हुई तो बड़ी जीत मिली।
---
मेरी रगों में बहती है कांग्रेस
उन्होंने साफ कहा कि मेरी रगों में कांग्रेस बहती है। संकेत दिया कि आने वाले दिनों में फिर से पार्टी ज्वाइंन कर सकती हूं। कहा, कांग्रेस में वापस के लिए ऑफर तो बहुत हैं लेकिन अभी कुछ दिन बाद निर्णय लेंगे कि कांग्रेस में शामिल हों या फिर कोई अन्य विकल्प बेहतर होगा।