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Mau में अप्रवासी पक्षियों के शिकार करने पर रोक, दोषी पाए जाने पर होगी सख्‍त कार्रवाई

मऊ के मधुबन तहसील क्षेत्र के ताल रतोय में शरद ऋतु के दौरान होने वाले अप्रवासी पक्षियों के शिकार पर रोक लग गई है। अक्टूबर माह के शुरूआती दौर से ही इसका शिकार शुरू हो गया है। शिकारियों को चिह्नित करते हुए इनके विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 02:31 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 09:12 AM (IST)
Mau में अप्रवासी पक्षियों के शिकार करने पर रोक, दोषी पाए जाने पर होगी सख्‍त कार्रवाई
अप्रवासी पक्षियों के शिकार पर रोक लग गई है।

मऊ, जेएनएन। अब मधुबन तहसील क्षेत्र के ताल रतोय में शरद ऋतु के दौरान होने वाले अप्रवासी पक्षियों के शिकार पर रोक लग गई है। ऐसा करने पर प्रशासन बड़ी कार्रवाई भी करेगा। धडल्ले से किए जा रहे अप्रवासी पक्षियों के शिकार की एक व्यक्ति द्वारा शिकायत पर उपजिलाधिकारी लालबाबू दूबे ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पुलिस व वन विभाग को अंकुश लगाने व शिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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क्षेत्र के ताल रतोय में शरद ऋतु के आते ही अप्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है। इसी के साथ गिद्ध दृष्टि लगाए शिकारी पक्षियों को अपना शिकार बनाना शुरू कर देते हैं। अप्रवासी पक्षियों का मांस लजीज होने के चलते इसके खरीददार सुबह होते ही इसके गढ़ के रूप में विख्यात कठघरा शंकर में पहुंच जाते हैं। इसके एवज में शिकारियों को मुंहमांगी कीमत देकर पक्षियों की खरीददारी करते हैं। इसमें लंबे मुनाफे को देखते हुए कठघराशंकर में सक्रिय आधा दर्जन शिकारी रात के अंधेरे में ताल रतोय में निकल जाते हैं। गोली तथा नशीले पदार्थ मिश्रित चारा फेंककर अप्रवासी पक्षियों को अपना शिकार बना लेते हैं।

इस वर्ष भी अक्टूबर माह के शुरूआती दौर से ही इसका शिकार शुरू हो गया है। जब मौखिक शिकायत के बाद प्रशासन द्वारा इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो कठघरा शंकर निवासी गनेश ने उपजिलाधिकारी लालबाबू दूबे को शिकायती पत्र देकर पक्षियों के शिकार पर अंकुश लगाने और शिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की। इस शिकायत के आधार पर प्रशासन द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कठघरा शंकर में सक्रिय शिकारियों को चिह्नित करते हुए इनके विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।  इससे शिकारियों में हड़कंप मच गया है।


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