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पूर्वांचल में तूफान में उखड़े सैकड़ों पेड़ व बिजली के पोल, खराब मौसम के कारण 7 की मौत

पूर्वांचल में तूफान में उखड़े सैकड़ों पेड़ व बिजली पोल और 76 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हवा चली। बरसात-आंधी से 7 लोगों की जान चली गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 06:36 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 12:46 AM (IST)
पूर्वांचल में तूफान में उखड़े सैकड़ों पेड़ व बिजली के पोल, खराब मौसम के कारण 7 की मौत
पूर्वांचल में तूफान में उखड़े सैकड़ों पेड़ व बिजली के पोल, खराब मौसम के कारण 7 की मौत

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना के कहर के बीच रविवार देर शाम 76 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आई आंधी ने सैकड़ों पेड़ व बिजली के खंभे जमींदोज कर दिए। गरीबों के मड़हे व शहरी इलाके में टिनशेड सहित छतों पर रखे सामान तिनके की तरह उड़ गए। आकाशीय बिजली गिरने से चार की मौत हो गई। इसमें बलिया व जौनपुर में दो-दो, मीरजापुर व भदेाही में एक-एक की जान गई है। मीरजापुर के अदलहाट क्षेत्र के नरायनपुर लिफ्ट कैनाल पर तैनात सिंचाई विभाग के बेलदार शिवपूजन मिश्रा (55) की करेंट लगने से मौत हो गई। आंधी से टूटकर लटक रहे जर्जर विद्युत तार की चपेट में आने से यह हादसा हुआ। रात भर बरसात भी होती रही ही। वहीं सोमवार की सुबह तेज धूप निकलने से गर्मी हो गई।

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बारिश व ओलावृष्टि से खेत-खलिहान में रखी फसलों संग आम को भारी क्षति

करीब घंटेभर की आंधी के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि से खेत-खलिहान में रखी फसलों संग आम को भारी क्षति पहुंची। कई जगह आकाशीय बिजली भी गिरी। इसके बाद भी रातभर पानी बरसता ही रहा। आंधी का रौद्ररूप देख कर बिजली आपूर्ति एहतियातन बंद कर दी गई। कई जगह पर तार टूटे व जंफर भी उड़ गए। इसे तूफान भी कहा जा रहा है। कारण कि करीब 76 किमी की रफ्तार से आंधी आई। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से 68 किमी की रफ्तार से ऊपर चलने वाली हवा को तूफान कहा जाता है। फिलहाल इस तूफान ने जिले में शहर से गांव तक तबाही मचाई।

प्री मानसून का असर पिछले माह से ही दिखने लगा है। हर सप्ताह हल्की या तेज बारिश व आंधी आ रही है। सुबह तेज हवा संग हल्की बारिश हुई थी, जबकि दिल्ली व पश्चिम यूपी में आंधी आने के साथ बादल छा गए थे। इसके कारण दिन में ही अंधेरा हो गया था। यहां यह स्थिति रात को बनी।

नम-गर्म हवाओं में टक्कर का नतीजा

मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि धरती से ऊपर शुष्क व ठंडी हवा तथा सतह पर नम एवं गर्म हवा चल रही थी। इनके आपस में टकराने से तूफान जैसी स्थिति बनी। जब 68 किमी प्रति घंटे रफ्तार से हवा चलती है तो तूफान का रूप पकड़ लेती है। 80-90 के दशक में इस तरह की आंधी को देहात में बुढ़वा आंधी कहा जाता था। इसमें धूल उडऩे के साथ गरज-चमक के साथ बारिश होती है।

कई ट्रांसफार्मर खराब, जंफर उड़े

आंधी के कारण शहर से लेकर गांव तक तबाही मची। दर्जनों जगह तारों पर पेड़ गए गए। इसके कारण तार और पोल टूट गए।  करीब दो दर्जन जगह बिजली के जंफर उड़ गए। करीब आधा दर्जन ट्रांसफार्मर खराब हो गए। जिससे कई गांवों एवं मोहल्लों की आपूर्ति बाधित हुई। नगरीय विद्युत वितरण प्रथम के अधीक्षण अभियंता विजय पाल ने बताया कि तूफान आते ही एहतियात के तौर पर आपूर्ति रोक दी गई। ऐसा नहीं करने से बिजली के उपकरणों के साथ जानमाल की भी क्षति होती। बताया कि स्थिति सामान्य होने के बाद धीरे-धीरे सप्लाई शुरू करने के साथ विद्युत टीम खराबी ढूंढने में जुट गई।

सिंचाई विभाग के बेलदार की करेंट लगने से मौत

मीरजापुर के अदलहाट थानाक्षेत्र के नरायनपुर लिफ्ट कैनाल पर तैनात सिंचाई विभाग के बेलदार शिवपूजन मिश्रा (55) की करेंट लगने से मौत हो गई। आंधी से टूटकर लटक रहे जर्जर विद्युत तार की चपेट में आने से यह हादसा हुआ। लिफ्ट सिंचाई निर्माण खंड  वाराणसी नरायनपुर के बेलदार शिवपूजन मिश्रा तड़के पांच बजे सोकर उठे ही थे कि पहले से लटक रहे तार में प्रवाहित करेंट की चपेट में आ गए। मौके पर पुलिस टीम पहुंची है और मृतक के परिजनों को सूचना दी गई है।


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