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#वारदात : अपहर्ताओं ने किशोरी को पंजाब में बेचा, भाई किसी तरह कब्‍जे से मुक्‍त

आठ वर्षीय उदय शंकर को पुलिस ने भले ही मुक्त करा लिया लेकिन उसकी बहन शिल्पी (16) को पंजाब में बेचे जाने के उसके सनसनीखेज बयान से पुलिस के होश उड़ गए हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 09:42 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 10:15 PM (IST)
#वारदात : अपहर्ताओं ने किशोरी को पंजाब में बेचा, भाई किसी तरह कब्‍जे से मुक्‍त
#वारदात : अपहर्ताओं ने किशोरी को पंजाब में बेचा, भाई किसी तरह कब्‍जे से मुक्‍त

गाजीपुर, जेएनएन। तीन माह पूर्व गाजीपुर स्टेशन से अपहृत आठ वर्षीय उदय शंकर को पुलिस ने भले ही मुक्त करा लिया लेकिन उसकी बहन शिल्पी (16) को पंजाब में बेचे जाने के उसके सनसनीखेज बयान से पुलिस के होश उड़ गए हैं। पुलिस पंजाब की पटियाला पुलिस से संपर्क किया है। इस बीच अपहर्ताओं से मुक्त बालक को न्यायपीठ बाल कल्याण समिति अध्यक्ष बबिता गुप्ता व सदस्य किरन राय ने पूछताछ कर परिवार को सुपुर्द कर दिया। 

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तीन माह पूर्व बलिया के मनियर क्षेत्र के रीगवन गांव निवासी अर्चना पांडेय (मानसिक स्थिति ठीक नहीं) अपनी पुत्री शिल्पी व बेटा उदय शंकर के साथ वाराणसी रिश्तेदार के यहां जाने के लिए निकली थी। गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन पर उनसे गोड़ा फुल्लनपुर निवासी ज्योति नामक महिला मिली। बातचीत में तीनों को जाल में फंसाकर पटियाला ले गई, जहां उसका पति संतोष ईंट-भटठे पर काम करता है। दंपती ने कुछ दिन बाद बच्चों की मां अर्चना को मारपीट कर भगा दिया। वह किसी तरह घर पहुंच गई लेकिन परिवार को कुछ जानकारी नहीं दे सकी। पुलिस के मुताबिक बालक ने बताया कि उसकी मां के भगाने के बाद ज्योति व उसके पति संतोष बिंद ने पटियाला में शिल्पी को बेच दिया जबकि उदयशंकर से भटठे पर काम कराने लगे।

मां और बहन का साथ छूटने के बाद बालक ने भागने का प्रयास भी किया। वह भाग तो नहीं सका उल्टे मार जरूर खानी पड़ी। दोबारा भागने की कोशिश की तो दंपती ने बालक के घर वालों से 20 हजार रुपये फिरौती वसूलने की साजिश रची। प्लान के मुताबिक ज्योति 16 मार्च को पति संतोष के साथ बालक को लेकर जिला मुख्यालय पहुंची। उसे अपने घर नहीं ले गई कि कहीं पोल खुल न जाए। रुपये मिलने तक अपने परिचित रीना के घर गई और पूरी योजना बताकर बालक को लौटाने के एवज में मिलने वाली रकम में हिस्सा देने का लालच दिया। चार दिन पूर्व ज्योति ने बालक के पिता सुरेश पांडेय को फोन कर 20 हजार रुपये की मांग की। तीन माह बाद बालक की खबर सुनकर खुशी संग अपहरण की जानकारी से उनके होश उड़ गए। वह सीधे गाजीपुर कोतवाली पहुंचे और मामले की जानकारी दी। पुलिस ने नंबर को ट्रैस कर शुक्रवार रात दोनों महिलाओं को पकड़ लिया और बालक को मुक्त कराया। 

पंजाब पुलिस से संपर्क : पुलिस अधीक्षक ने डा. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि बालक द्वारा बहन को बेचने की बात कही गई है। इसकी गंभीरता को देखते मामले की जांच के साथ ही पंजाब की पटियाला पुलिस से संपर्क किया गया है। जल्द ही पटाक्षेप कर दिया जाएगा। 


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