हुजूर, जरायम से ज्यादा जाम से लगता है डर
जागरण संवाददाता, वाराणसी : मुख्यमंत्री जी, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्याओं म
जागरण संवाददाता, वाराणसी : मुख्यमंत्री जी, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्याओं में शुमार होती जाम की समस्या पर जरा ध्यान दें। रोज हजारों की संख्या में आने वाले विदेशी सैलानी हों या फिर स्थानीय लोग। हर कोई जाम की समस्या देख सड़क पर निकलना ही नहीं चाहता। सुबह से शाम तक रोज जाम की जकड़न से शहर में हाहाकार की स्थिति हो जा रही है। समस्या को संज्ञान में लेते हुए राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने महीने भर पूर्व जाम से निजात को आला अफसरों संग बैठक कर समस्या के निजात का फरमान जारी किया मगर स्थिति सुधरने के बजाए हालात और भी खराब होते गए।
आंकड़े बताते हैं कि सूबे में जाम की सर्वाधिक शिकायतें वाराणसी में ही आई। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोगों को जरायम से ज्यादा डर अब जाम से लगने लगा है। मसलन, 2017 में डायल-100 के पास 3500 से ज्यादा जाम की शिकायतें आई। इतनी शिकायतें पूरे सूबे में किसी एक जिले में नहीं आई। समस्या के बाबत एसएसपी ने यातायात विभाग में पहली बार एक अतिरिक्त सीओ, 15 एसआइ व 100 कास्टेबल तक लगा दिए मगर समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अनियंत्रित खोदाई को माना जा रहा है। विकास के नाम पर तमाम विभागों की मनमानी जारी है। यातायात विभाग ने सर्वे कर प्रशासन को रिपोर्ट दी थी कि 550 से ज्यादा बड़े गड्ढे हैं जो जाम के अहम कारण हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि मुख्यमंत्री ने समस्या को संज्ञान में लिया तो कई अफसरों पर गाज गिर सकती है।
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जाम के प्रमुख कारण
-जगह-जगह खोदाई
-शहर में सैकड़ों गड्ढे
-विभागों में समन्वय का अभाव
-यातायात विभाग का एकल प्रयास
-अन्य का असहयोगात्मक रवैया
-अफसरों द्वारा मॉनीट¨रग न करना
-समय सीमा का ख्याल न रखना।
निवारण की राह
-शहर के सभी खराब सिग्नल ठीक किए जाएं।
-चौकाघाट फ्लाईओवर का कार्य सही तरीके से कराया जाए।
-विभागों में समन्वय बनाया जाए।
-जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई हो।
-थानेदारों को भी सहयोग करना होगा।
-आला अफसरों को भी अपने स्तर से समस्या सुलझाना होगा।
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2017 में डायल-100 में आई शिकायतें
-3600
महिला उत्पीड़न की शिकायतें
-4100
सड़क हादसे की शिकायतें
-3500
जाम की शिकायतें
-13500
घरेलू ¨हसा की शिकायतें
-10500
प्रापर्टी विवाद की शिकायतें
-24500
सामान्य विवाद की शिकायतें
-560
पशुओं से जुड़ी शिकायतें
-870
गुमशुदगी की शिकायतें