तीस हेक्टेयर में उद्यान विभाग बनाएगा वाराणसी के चिरईगांव के अमरूद का नया क्लस्टर
वाराणसी के चिरईगांव के अमरूद से अभी तक केवल बनारस औरआसपास के लोग ही परिचित हैं। लेकिन उद्यान विभाग अब इसे विश्व फलक तक पहुंचाने की तैयारी करने में लगा है।
वाराणसी [सौरभ चंद्र पांडेय]। चिरईगांव के अमरूद से अभी तक केवल बनारस औरआसपास के लोग ही परिचित हैं। लेकिन उद्यान विभाग अब इसे विश्व फलक तक पहुंचाने की तैयारी करने में लगा है। हालांकि इसमें अभी कुछ समय लग सकता है। लेकिन इसकी तैयारी की जा रही है। इसके लिए जिले के सभी आठ ब्लाकों में चार-चार हेक्टेयर जमीन पर मिशन बागवानी के तहत चिरईगांव के अमरूद काक्लस्टर तैयार करने की योजना है। कुल मिलाकर तीस हेक्टेयर जमीन पर जिले में नया अमरूद का क्लस्टर तैयार किया जाएगा।
जिला उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों तक बनारस के सभी ब्लाकों को मिलाकर कुल 700-800 हेक्टेयर जमीन पर अमरूद की फसल तैयार होती थी। लेकिन इधर रिंग रोड बनने के कारण जहां अमरूद का सबसे ज्यादा पैदावार होता था वहां की जमीन को हाइवे के लिए अधिग्रहीत कर लिया गया है। इस कारण अमरूद की फसलको सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। मिशन बागवानी के तहत फिर से अमरूद की फसल को संरक्षित करने में उद्यान विभाग जुटा हुआ है। इसके लिए किसानों से बातचीत की जा रही है। इसके साथ ही उन्हें अमरूद की खेती से होने वाले लाभ व आय बढ़ाने के तरीके से भी अवगत कराया जा रहा है।
मनरेगा मजदूरों से लिया जाएगा काम जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक ब्लाक में नए क्लस्टर को तैयार करने के लिए मनरेगा के जाब कार्डधारक मजदूर को शामिल किया जाएगा। उनसे सिंचाई, निराई, गोड़ाई का काम लिया जाएगा। जिससे कि उन्हें कुछ दिन का रोजगार मिल सके। मिशन बागवानी के तहत उद्यान विभाग ही इन मजदूरों की मजदूरी का भुगतान करेगा।