वाराणसी में मनरेगा से असि के उद्धार की आस भी टूटी, आठ गांव निगम की सीमा में होने से दिक्कत
मनरेगा के तहत वाराणसी में असि नदी के उद्धार का खाका खींच आगे कदम बढ़ाए मगर ब्रेकर बने नियम के चलते उसके कदम ठिठक गए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार लाखों प्रवासियों के लिए शासन-प्रशासन लगातार मनरेगा के तहत नए काम की तलाश कर रहा है। इस क्रम में प्रशासन ने मनरेगा के तहत असि नदी के उद्धार का खाका खींच आगे कदम बढ़ाए, मगर ब्रेकर बने नियम के चलते उसके कदम ठिठक गए हैं। नियम के अनुसार मनरेगा में सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र में कच्चा कार्य हो सकता है। जबकि असि सदर तहसील के कंदवा ताल से निकलकर जिन आठ गांवों से गुजरती है उनमें से चार पहले से तो चार वर्तमान में नगर निगम सीमा में प्रस्तावित हैं। ऐसे में मनरेगा से असि को पुनर्जीवन नहीं दिया जा सकता।
तहसीलों को मिली थी जिम्मेदारी
असि के उद्धार को मूर्त रूप देने के लिए डीएम कौशल राज शर्मा ने तहसीलों को जिम्मेदारी दी थी। पहला काम यह था कि दस्तावेजों में असि नदी तलाशें। राजातालाब तहसील के किसी भी दस्तावेज में असि का उल्लेख नहीं मिला। सदर तहसील के दस्तावेजों में इसके ग्राम कंचनपुर स्थित कंदवां ताल से निकलने का उल्लेख मिला।
इन गांवों से गुजरती है असि नदी
दस्तावेजों में असि नदी के सदर तहसील के आठ गांवों से होकर गंगा में मिलने का जिक्र मिला। यह गांव कंचनपुर, चितईपुर, कर्मजीतपुर, करौंदी, सरायनंदन, भदैनी प्रथम, नगवां और भदैनी द्वितीय हैं। इसमें से सरायनंदन, भदैनी प्रथम व द्वितीय और नगवां पहले से नगर निगम की सीमा में है। शेष चार प्रस्तावित सीमा में शामिल हैं।
पहले से नगर निगम की सीमा में शामिल गांवों में मनरेगा से कार्य नहीं हो सकता
पहले से नगर निगम की सीमा में शामिल गांवों में मनरेगा से कार्य नहीं हो सकता है। प्रस्तावित 64 ग्राम सभाओं में भी कोई नया कार्य कराने पर शासन ने रोक लगाई है।
करुणाकर अदीब, उपायुक्त मनरेगा।
अनुश्रुति बंगाली ताल से उद्गम की
कुछ लोगों का मानना है कि असि नदी राजातालाब तहसील के बंगाली ताल से निकली है। दस्तावेजों में राजातालाब में असि का कहीं उल्लेख नहीं मिला। प्रशासन का मानना है कि असि का उद्गम सदर के कंचनपुर स्थित कंदवा ताल से ही है।