ओलंपियन शाहिद की पत्नी वापस करेंगी पद्मश्री व अर्जुन पुरस्कार
मास्को ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता की पत्नी सरकार के आश्वासन पूरा न होने से व्यथित हैं।
वाराणसी : मास्को ओलंपिक (1980) में स्वर्ण जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के हीरो रहे ड्रिबलिंग के उस्ताद मोहम्मद शाहिद का पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार उनकी पत्नी परवीन शाहिद प्रधानमंत्री निवास पर आगामी 20 जुलाई को सरकार को वापस कर देंगी। परवीन ने यह निर्णय सरकार की वादाखिलाफी के चलते लिया है। आने वाली 20 जुलाई को मो. शाहिद के निधन के दो साल पूरे हो जाएंगे। दो साल पहले इंतकाल के बाद तत्कालीन केंद्रीय खेल राज्यमंत्री विजय गोयल ने मो. शाहिद के नाम पर काशी में अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता शुरू कराने का वादा किया था। ओलंपियन हॉकी खिलाड़ियों धनराज पिल्लै व जफर इकबाल ने काशी में उनके नाम से हॉकी अकादमी शुरू करने का इरादा जताया था। ये दोनों वादे अभी पूरे नहीं हुए। ऐसे में सिस्टम से नाराज परवीन ने पति को मिले पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार सहित अन्य पदक प्रधानमंत्री के निवास पर वापस करने का फैसला किया।
सोमवार को परवीन शाहिद ने बताया कि वे अब तक हर उस व्यक्ति से मिल चुकी हैं, जिसने इंतकाल के समय कुछ करने के वादे किए थे। अपने लिए कुछ नहीं मांग रहीं, मगर हॉकी की सुविधाएं विकसित होनी चाहिए। कहा कि हर जगह से उन्हें निराशा मिली है। तत्कालीन खेल राज्यमंत्री ने अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता और शाहिद की मिट्टी पर आए धनराज पिल्लई व जफर इकबाल सहित कई अधिकारियों ने मो. शाहिद का नाम जिंदा रखने के लिए बनारस में हॉकी अकादमी शुरू करने का वादा नहीं पूरा किया। परवीन ने कहा कि जो पदक सरकार ने शाहिद को खेल के लिए दिए थे, उन्हें 20 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री से मिलकर वापस करेंगी।