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जौनपुर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सावन में बंद रहेगा ऐतिहासिक त्रिलोचन महादेव शिव मंदिर

पूर्वांचल के आस्था के केंद्र त्रिलोचन महादेव का प्राचीन व ऐतिहासिक शिव मंदिर को सावन माह में बंद रखा जाएगा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 01:08 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 01:11 PM (IST)
जौनपुर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सावन में बंद रहेगा ऐतिहासिक त्रिलोचन महादेव शिव मंदिर
जौनपुर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सावन में बंद रहेगा ऐतिहासिक त्रिलोचन महादेव शिव मंदिर

जौनपुर, जेएनएन। पूर्वांचल के आस्था के केंद्र त्रिलोचन महादेव का प्राचीन व ऐतिहासिक शिव मंदिर को सावन माह में बंद रखा जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार की शाम मंदिर कमेटी की पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ली गई। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मुरलीधर गिरी ने बताया कि मंदिर परिसर में फूलमाला समेत अन्य सभी दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगी। परिसर खाली रहेगा। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस को सौपी गई है। उन्होंने बताया कि गत सप्ताह मंदिर के समीप मकरा चौराहा बाजार में एक ही परिवार के तीन सदस्य कोरोना पाॅजिटिव पाए गए थे।

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शिवभक्तों के सैलाब को रोकना कठिन होगा, इसलिए लिया गया निर्णय

क्षेत्र के अन्य गांवों में भी कोरोनो के मरीजों की पुष्टि हुई है। ऐसे में मंदिर खुला रहने से यहां सावन में जलाभिषेक को पहुंचने वाले शिवभक्तों के सैलाब को रोकना कठिन होगा। वैसे भी तमाम निर्देशों के बावजूद हर कोई मास्क व शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन नहीं कर रहा है। प्रबंधक ने कहा कि मंदिर में दोनों समय बाबा भोले शंकर की आरती उक्त नियमों का पालन कराते हुए होती रहेगी। इस अवसर पर एसओ जलालपुर ओम नारायण सिंह, उद्योग व्‍यापार मंडल त्रिलोचन के अध्यक्ष अनुराग वर्मा, मंदिर कमेटी के सदस्य व क्षेत्रीय नागरिक मौजूद थे।

यहां श्रद्धालुओं की हर मुराद होती है पूरी

जौनपुर के ठीक बाहरी परिधि पर स्थित इस मंदिर में विराजमान त्रिलोचन महादेव क्षेत्रीय लोगों के आस्था के केंद्र हैं। छोटे से पोखर के सामने सुंदर परिक्षेत्र में निर्मित ये मंदिरमहादेव को समर्पित है। कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा के द्वारा यज्ञ के पश्चात यहांभगवान शिव प्रकट हुये थे। परिसर में मुख्य रूप से शिवलिंग के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओंके मठिये (छोटे मंदिर) भी है। यहां श्रद्धालुओं की हर मुराद पूरी होती है। यहां के तालाब में स्नान से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।


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