Hindi Diwas 2021 : वाराणसी के डीएवी पीजी कालेज में स्थापित होगा साहित्यकार संसद, प्राचार्य ने की घोषणा
महादेवी वर्मा के सपनों को साकार करने के लिए और उस सपने से अपनों को जोड़ने के लिए डीएवी पीजी कालेज ने साहित्यकार संसद के स्थापना का संकल्प लिया हैI घोषणा महाविद्यालय के प्राचार्य डा. सत्यदेव सिंह ने की I
जागरण संवाददाता, वाराणसी। महादेवी वर्मा के सपनों को साकार करने के लिए और उस सपने से अपनों को जोड़ने के लिए डीएवी पीजी कालेज ने साहित्यकार संसद के स्थापना का संकल्प लिया हैI समाज की जागृति और सांस्कृतिक विकास के लिए संकल्पित यह साहित्यकार संसद साहित्यिक-सांस्कृतिक विरासत से प्रेरणा लेने और आज के दौर में अपनी परम्परा को विकसित करने के संकल्प से संचालित होगा।
हिन्दी दिवस के अवसर पर मंगलवार कालेज परिसर में आयोजित समारोह में घोषणा महाविद्यालय के प्राचार्य डा. सत्यदेव सिंह ने की I उन्होंने कहा कि साहित्यकार संसद का उद्देश्य हिन्दी साहित्य को व्यापक सरोकार से जोड़ना है और हिन्दी के ज्ञान अन्तरिक्ष का विस्तार करना है। साहित्यकार संसद बनारस और उसके आसपास के प्रबुद्धजनों के सहयोग से अखिल भारतीय सांस्कृतिक मनीषियों का साझा मंच होगा और हिन्दी संवर्द्धन के लिए समर्पित होगा।
डा. सिंह ने यह भी कहा कि साहित्यकार संसद का उद्देश्य नव प्रतिभाओं का प्रोत्साहन करना, हिन्दी के विकास में कार्य करना तथा दूसरे ज्ञानानुशासनों को हिन्दी में उपलब्ध कराना है। साहित्यकार संसद की विधिवत प्रस्तावित कार्यकारिणी और सदस्यों की घोषणा बाद में होगी। उन्होंने इस योजना में बनारस के साहित्यकारों, बौद्धिकजनों से सहयोग की अपील भी की।
इस मौके पर हिन्दी विभाग की ओर से आयोजित हिन्दी संभाषण सह काव्य पाठ में छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। काव्यपाठ एवं संभाषण में आलोक कुमार मिश्र, उदय भाष्कर, द्रविड़ कुमार, सत्यम शिवेन्द्र, गीतांजलि यादव, संदीप कुमार, आयुष पाण्डेय एवं ध्रुव सत्यम आदि ने प्रतिभाग किया। विभागाध्यक्ष डा. राकेश कुमार राम, डा. राकेश कुमार द्विवेदी, डा. अस्मिता तिवारी, डा. अंकिता चौधरी सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किया। संयोजन डा. समीर कुमार पाठक व संचालन राजन कुमार ने किया। उधर हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय हिन्दी विभाग के तत्वाधान में 'हिन्दी दिवस' "सह-सम्मान समारोह" में बतौर मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार डा राम सुधार सिंह' ने हिन्दी के ग्राहा क्षमता मातृभाषाओं के उन्नयन में हिन्दी 'भोजपुरी' की समृध्द परम्परा का उल्लेख किया। स्वागत हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डा. ऋचा सिंह, अध्यक्षता प्राचार्य डा. अनिल प्रताप सिंह, संचालन पूजा सिंह व धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी सुजाता यादव ने किया।