उखड़ गए हेरिटेज पोल, गायब हो गई लाइटें, नगर निगम ने जिम्मेदारियों से झाड़ा पल्ला
अधिकारियों की लापरवाही से लक्ष्मीकुंड में लगाए गए हेरिटेज पोल एक साल में ही उखड़ गए हैं, साथ ही लाइटें भी गायब हो गई हैं इससे वैभव भी अब वह नहीं रह गया।
वाराणसी [अरुण मिश्र] । बनारस की समृद्ध विरासत को विश्व पटल पर ले जाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार खूब पसीना बहा रही है। मगर अधिकारी कोशिशों पर पानी फेरने पर तुले हुए हैं। करोड़ों रुपए हेरिटेज विकास को पलीता लगा दिया गया। लक्ष्मी कुंड में लगाए गए हेरिटेज पोल एक साल में ही उखड़ गए, उधर लाइटें गायब हो गई। दुर्गाकुंड, लक्ष्मीकुंड, प्रीतकुंड व लाटभैरव कुंड पर सीएसआर फंड से हेरिटेज विकास कराया गया है।
कुंड के चारों ओर हेरिटेज लाइटें और फूल सहित गमले लगाए गए। लक्ष्मीकुंड पर ही 34 गमले और 18 हेरिटेज लाइटें गायब हैं, यही हालत दूसरे कुंडों की है। लगभग तीन करोड़ रुपये बेकार चले गए। ये सभी सामान कहां गए? इसका जवाब नगर निगम और कार्यदायी संस्था दोनों के पास नहीं है।
हृदय के कामों की यही दुर्गति : केंद्र सरकार द्वारा 2015 में देश के 12 पुराने शहरों को विकसित करने मंशा से शुरू हुई हृदय योजना का हाल शहर में बेहद खराब है। योजना के तहत काम रखरखाव के बिना शहर की शोभा बिगाड़ते दिखाई पड़ रहे हैं। कंपनियों ने सीएसआर से करीब 80 करोड़ जबकि केंद्र सरकार के 89 करोड़ रुपये हेरिटेज विकास के लिए खर्च किए गए हैं। काम पूरा होने के बाद उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर निगम को दे दी गई थी। कार्य पर नजर वह नहीं रख रहे हैं, इसमें हम क्या कह सकते हैं।- अनिल यादव, डीजीएम, नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी।
बोले अधिकारी : कुंड के सभी काम सीएसआर फंड से हुए हैं। एनबीसीसी को चाहिए कि वह कराए गए काम पर स्वयं नजर रखें। - डा. नितिन बंसल, नगर आयुक्त।