Lockdown in varanasi Day 5 : काशी के लोगों ने ठाना कि कोई भी खाली पेट न सोने पाए, इस तरह शहर हुआ एकजुट
बाबा विश्वनाथ और अन्नपूर्णा की नगरी में कोई भी खाली पेट न सोने पाए इस तरह शहर हो गया सहयोग के लिए एकजुट।
वाराणसी, जेएनएन। कहा जाता है काशी में अन्नपूर्णा का वास है और यहां पर कभी कोई भूखा नहीं सो सकता। कोरोना वायरस का संकट भले मंडरा रहा है मगर काशी में कई संस्थाओं और जनता ने घर-घर भोजन पहुंचाने का काम जारी रखा है। गरीबों को भरपेट भोजन मिल सके इसके लिये कर कमर कस ली है। महिला भूमिहार समाज द्वारा रविवार को लंका क्षेत्र में फसे मजदूरों को दोपहर के खाने की व्यवस्था की गई। खाना देने से पहले समाज की महिलाओं द्वारा सेनिटाइजर से मजदूरों और उनके बच्चों का हाथ साफ करवाया गया। महिला भूमिहार समाज ने लंका इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी से इस बाबत बताया कि 150 लोगों के भोजन की व्यवस्था समाज की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। लंका इंस्पेक्टर द्वारा तय किया गए स्थानों पर इन लोगों द्वारा खाने के डिब्बे का वितरण किया गया। परी राय, शालिनी सिंह अधिवक्ता राजलक्ष्मी राय आदि शमिल थी।
साक्षर इण्डिया फाऊण्डेशन की ओर से भेलूपुर थाना क्षेत्र के जिवधीपुर, किरहिया व सुदामापुर की बस्तियां इन बस्तियों में रिक्शा चालकों, सब्जी का ठेला लगाने वाले व निराश्रित महिलाओं भोजन बांटा गया। संस्था द्वारा इन्हीं में से 50 परिवारों का चयन कर सम्पूर्ण लाक डाऊन व अगले 15 दिन तक कच्चे अनाज (अाटा, चावल, दाल, हल्दी, तेल, चीनी, रिफाईन्ड, साबुन, सर्फ , नमक व सैनेटाईजर) की राहत सामग्री पहुंचाने का लक्ष्य है। इस दौरान डॉ. सुनील मिश्र, डा स्वाती एस मिश्र, चन्दन चौहान, अथर्व पाण्डेय, अनूप जायसवाल उपस्थिति थे।
जरूरतमंदों को मदद को आगे आई मदर्स फ़ॉर मदर
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए गए लॉक डाउन के कारण जरूरतमंदों को मदद करने का बीड़ा नगर की कई संस्थाओं ने उठा लिया है। इसी क्रम में महिलाओं की अग्रणी संस्था मदर्स फॉर मदर (संकट मोचन फाउंडेशन द्वारा संचालित ) भी रविवार को इस मदद में शामिल हो गई। गौरतलब है कि जिलाधिकारी की तरफ से शहर के मंदिरों, मठों और सामाजिक संस्थाओं से जरूरतमंदों को मदद करने का आह्वान किया गया था। इस क्रम में संस्था की संस्थापक अध्यक्ष आभा मिश्र के नेतृत्व में तुलसीघाट पर खाद्यान्न किट वितरित किये गए। अध्यक्ष के मुताबिक इस किट में एक परिवार के भोजन का प्रबंध आसानी से हो सकेगा। इस किट में दो किलो चावल, दो किलो आटा,एक किलो आलू, एक किलो चीनी , आधा किलो दाल, नमक व हल्दी रखा गया है। अध्यक्ष ने बताया कि लॉक डाउन के समय कई लोग ऐसे है जिनके घर में खाना बनाने के लिए सामग्री नहीं है। उनकी समस्या को ध्यान में रखकर जरूरी चीजों का किट बनाया गया है। इसका वितरण फिर से जरूरत मन्दों की सूची बनाकर किया जाएगा। अधिक सम्भव है कि यह किट जरूरतमंदों के घर जाकर वितरित कर दिया जाएगा। इस दौरान अस्सी, भदैनी, छित्तूपुर के लगभग 100 लोगों को किट्स वितरित किये गए। संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो.विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा कि इस समय जरूरी है कि जरूरतमंदों की मदद में लोग हाथ बढ़ाएं। कई ऐसे लोग है जिनके घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं है। मदर्स फ़ॉर मदर इनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहेगी। शेफाली मिश्र, सुमेधा मिश्र, सारिका त्रिपाठी आदि उपस्थित थीं।
गोईठहां निवासी स्वर्गीय वैजंती देवी मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद उपाध्याय ने जरुरतमंद लोगों में राहत सामागी विवरण किया। तीन दिनों से प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से लक्सा गोदौलिया चेतगंज, सिगरा के बीच 800 पैकेट भोजन वितरण किया गया। इसमें मनोज अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, गौरव अग्रवाल, सुरेश तुलस्यान शामिल थे।
साधना फाउंडेशन एवं वाराणसी पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में वाराणसी के चांदपुर चौराहा स्थित गरीब बस्तियों के 50 परिवारों में खाद्य पदार्थ का वितरण किया गया।