कुंभ का पलट प्रवाह : प्रयागराज आने-जाने वाली ट्रेनों में सवार होने के लिए हुई मशक्कत
महाशिवरात्रि के मौके पर काशी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। भीड़ के चलते कैंट स्टेशन पर तिल रखने की जगह नहीं बची। भीड़ के आगे रेलवे प्रशासन पूरी तरह बेबस दिखाई दिया।
वाराणसी, जेएनएन। महाशिवरात्रि के मौके पर काशी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। भीड़ के चलते कैंट स्टेशन पर तिल रखने की जगह नहीं बची। भीड़ के आगे रेलवे प्रशासन पूरी तरह बेबस दिखाई दिया। जहां दोपहर तक कुंभ से आने वालों की संख्या ज्यादा रही, वहीं शाम होते-होते लौटने वालों की संख्या बढ़ गई। जिसको जिस ट्रेन में जहां जगह मिली वहीं बैठ गया। हालांकि, ट्रेन में बैठने से पूर्व ट्रेन के अंदर घुसना किसी जंग से कम नहीं रहा। अंदर जाने को लेकर यात्रियों के बीच तीखी नोकझोंक तक हुई। दोपहर ढाई बजे जब कैंट स्टेशन पर दरभंगा से लोकमान्य तिलक टर्मिनल जाने वाली पवन एक्सप्रेस पहुंची तो प्लेटफार्म संख्या एक पर भगदड़ जैसे हालात हो गए। इस ट्रेन को छूटने के बाद दो बार चेन पुलिंग कर रोका गया।
इस ट्रेन से उतरने वालों से दोगुनी संख्या में चढऩे वाले थे। ऐसे में अंदर जाने को लेकर लगातार कहासुनी होती रही। मौके पर आरपीएफ प्रभारी अनूप सिन्हा व जवान एक-एक कोच के दरवाजे पर मौजूद रहकर यात्रियों की मदद में जुटे रहे। इसके अलावा पटना-सिकंदराबाद एक्स, मेला स्पेशल और अन्य गाडिय़ों में यात्रियों का हुजूम देखा गया।
पूछताछ में यात्रियों के छूटे पसीने : कुंभ व महाशिवरात्रि के पर्व के बीच रेल प्रशासन यात्रियों के प्रति कितना गंभीर है ये बीते दो दिनों में खुलकर सामने आ गया। यात्रियों को कैंट स्टेशन पर ट्रेनों की जानकारी देने के लिए प्रशासन ने समुचित व्यवस्था नहीं की। पूछताछ जैसे महत्वपूर्ण काउंटर पर दो की बजाय एक नियमित बुकिंग कर्मी तैनात दिखा। सहयोग के लिए टिकट क्लर्क की ड्यूटी लगाई गई जिनकी जिम्मेदारी व अनुभव अलग होता है। पर्व के मौके पर प्रसारण में तैनात कर्मचारियों की सेवा ली जा सकती थी। उत्तर रेलवे के डीआरएम सतीश कुमार ने इसे गंभीर बताते हुए कार्रवाई करने की बात कही।