वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण के वुजूखाने में गंदगी और नेताओं की बयानबाजी को लेकर अब सुनवाई 28 सितंबर काे होगी
ज्ञानवापी प्रकरण के वुजूखाने में गंदगी और नेताओं की बयानबाजी को लेकर एसीजेएम पंचम की अदालत में जज के उपस्थित नहीं होने से मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी। सुनवाई के लिए अगली तिथि 28 सितंबर को तय की गई है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में गंदगी करने और अखिलेश यादव व असदुद्दीन ओवैसी पर भड़काऊ बयानबाजी को लेकर प्रभारी एसीजेएम पंचम नितेश सिन्हा की अदालत में मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी। पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई टल गई। इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
प्रकरण के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है। इसमें कि कहा है कि नमाजियों की ओर से वजूखाने में हाथ-पैर धोए और गंदगी फैलाई जाती है। जबकि वह स्थान हमारे अराध्य भगवान शिव का स्थान है। यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है।
वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि ने ज्ञानवापी प्रकरण पर बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात किया है। अधिवक्ता ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन, मुफ्ती ए शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी और बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। अब इस मामले में अगली सुनवाई कोर्ट में बुधवार को होगी।
गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा को सुरक्षित रखने के लिए दिया प्रार्थना पत्र
ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में मंदिर पक्ष की वादी संख्या एक राखी सिंह की ओर से मंगलवार को जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है। इसमें बताया गया है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तार व सुंदरीकरण के तहत कारमाइकल लाइब्रेरी के मलबे से गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति मिली है।
वह हजारों साल पुरानी है। मूर्ति ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मामले में दाखिल मुकदमे के निस्तारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। ऐसे में मूर्ति को सुरक्षित करने के लिए आदेशित किया जाना चाहिए। अदालत से मांग किया कि गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति को सुरक्षित करने के लिए सक्षम अधिकारी को आदेशित किया जाए ताकि भविष्य में मुकदमा के निस्तारण में जब भी जरूरत हो तो कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया जा सके।