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वाराणसी के ज्ञानवापी में रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की अर्जी पर सुनवाई टली, अगली तिथि 20 मार्च

ज्ञानवापी मामले में ही वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से कथित विवादित परिसर का भौतिक और पुरातात्विक दृष्टि से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की अर्जी पर सुनवाई टल गई। सुनवाई के लिए 20 मार्च की तिथि मुकर्रर की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 07:23 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 07:23 PM (IST)
वाराणसी के ज्ञानवापी में रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की अर्जी पर सुनवाई टली, अगली तिथि 20 मार्च
ज्ञानवापी मामले में सुनवाई के लिए 20 मार्च की तिथि मुकर्रर की है।

वाराणसी, जेएनएन। ज्ञानवापी मामले में ही वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से कथित विवादित परिसर का भौतिक और पुरातात्विक दृष्टि से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की अर्जी पर सुनवाई टल गई। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) आशुतोष तिवारी ने सुनवाई के लिए 20 मार्च की तिथि मुकर्रर की है।

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प्राचीन मूॢत स्वयंभू ज्योतिॄलग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान 10 दिसंबर 2019 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की अपील करते हुए प्रार्थना पत्र दिया था। इस प्रार्थना पत्र का निस्तारण होना है। अदालत ने इस प्रार्थना पत्र पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद तथा उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पक्ष रखने का अवसर देते हुए 15 मार्च की तिथि निर्धारित की थी।

सोमवार को सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से अधिवक्ता रईस अहमद ने उक्त मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहने का हवाला देते हुए कोई अन्य तिथि मुकर्रर करने की मांग की। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता तौहिद खान ने व्यस्तता के कारण मुकदमे की तैयारी नहीं होने का कारण बताते हुए कोई अन्य तिथि मुकर्रर करने की मांग की। अदालत ने दोनों पक्षकारों की अपील को स्वीकार कर लिया और उन्हेंं अंतिम अवसर देते हुए 20 मार्च की तिथि मुकर्रर कर दी।

उधर, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर व ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के लंबित मुकदमे की पोषणीयता को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। तिथि मुकर्रर की है।

प्राचीन मूॢत स्वयंभू ज्योतिॄलग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान 10 दिसंबर 2019 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की अपील करते हुए प्रार्थना पत्र दिया था। इस प्रार्थना पत्र का निस्तारण होना है। अदालत ने इस प्रार्थना पत्र पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद तथा उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पक्ष रखने का अवसर देते हुए 15 मार्च की तिथि निर्धारित की थी।

सोमवार को सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से अधिवक्ता रईस अहमद ने उक्त मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहने का हवाला देते हुए कोई अन्य तिथि मुकर्रर करने की मांग की। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता तौहिद खान ने व्यस्तता के कारण मुकदमे की तैयारी नहीं होने का कारण बताते हुए कोई अन्य तिथि मुकर्रर करने की मांग की। अदालत ने दोनों पक्षकारों की अपील को स्वीकार कर लिया और उन्हेंं अंतिम अवसर देते हुए 20 मार्च की तिथि मुकर्रर कर दी। उधर, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर व ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के लंबित मुकदमे की पोषणीयता को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है।


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