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वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में रडार तकनीक से पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अपील पर सुनवाई आज

वाराणसी ज्ञानवापी मामले में ही वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से कथित विवादित परिसर का भौतिक और पुरातात्विक दृष्टि से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की प्रार्थना पत्र पर शनिवार को सुनवाई होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 06:50 AM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 06:50 AM (IST)
वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में रडार तकनीक से पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अपील पर सुनवाई आज
ज्ञानवापी मामले में रडार तकनीक से पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अपील पर सुनवाई आज होगी।

वाराणसी, जेएनएन। ज्ञानवापी मामले में ही वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से कथित विवादित परिसर का भौतिक और पुरातात्विक दृष्टि से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की प्रार्थना पत्र पर शनिवार को सुनवाई होगी। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) आशुतोष तिवारी ने सुनवाई के लिए 20 मार्च की तिथि मुकर्रर की है।

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प्राचीन मूॢत स्वयंभू ज्योर्तिलिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान दस दिसंबर 2019 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से रडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की अपील करते हुए प्रार्थना पत्र दिया था। इस प्रार्थना पत्र का निस्तारण होना है। प्रार्थना पत्र पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद तथा उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अपना पक्ष रखना है।

उधर, काशी विश्वेश्वरनाथ मंदिर व ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल इस मुकदमे की पोषणीयता को लेकर हाईकोर्ट में पक्षकारों की बहस पूरी हो चुकी है। हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।

पूजा और जल आपूर्ति करने के लिए एक और याचिका दायर

ज्ञानवापी मामले में शुक्रवार को एक और याचिका सिविल जज (सीनियर डिवीजन) एमके सिंह की अदालत में दायर की गई। मां गंगा की तरफ से अपने को वाद मित्र बताते हुए महाराष्ट्र के सुरेश चव्हाण की तरफ से यह याचिका दाखिल की गई है। याचिका में मां गंगा की तरफ से कहा गया कि आदिविश्वेश्वर मेरे आराध्य देव हैं। उनकी पूजा और जल अॢपत करने का अधिकार दिया जाए जो सदियों से होता आ रहा है, जिसे मस्जिद के नाम पर अवरुद्ध किया गया है। ऐसे में जल चढ़ाने का अधिकार मां गंगा की तरफ से प्रदान की जाए। याचिका में केंद्र व प्रदेश सरकार, सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद, जिलाधिकारी, काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट आदि को पक्षकार बनाया गया है। अदालत में वादी की तरफ से अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने मां गंगा की तरफ से अदालत में पक्ष रखा। दावा दाखिल होने की जानकारी मिलने पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के अधिवक्ता एखलाक अहमद, मुमताज अहमद हाजिर हुए और अपना पक्ष रखने के लिए अदालत से समय मांगा। अदालत ने सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तिथि नियत की है।

इससे पहले 18 फरवरी 2021 को काशी विश्वनाथ मंदिर के मूल मंदिर स्थान और मां श्रृंगार गौरी समेत विराजमान अन्य देवी-देवताओं के पूजा-दर्शन को लेकर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में दावा दाखिल किया गया था जिसे अदालत ने सुनवाई के लिए  मंजूर कर लिया है।


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