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गामा रेडिएशन से टिकाऊ होंगी सब्जियां, पूरी तरह नष्ट होंगे हानिकारक बैक्टीरिया अौर पैरासाइट्स

निर्यात किया जाने वाला पूर्वांचल का लंगड़ा आम हरी मिर्च अमरूद और सब्जियां अब जल्दी खराब नहीं होंगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 01:48 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 01:48 PM (IST)
गामा रेडिएशन से टिकाऊ होंगी सब्जियां, पूरी तरह नष्ट होंगे हानिकारक बैक्टीरिया अौर पैरासाइट्स
गामा रेडिएशन से टिकाऊ होंगी सब्जियां, पूरी तरह नष्ट होंगे हानिकारक बैक्टीरिया अौर पैरासाइट्स

वाराणसी [मुहम्मद रईस]। निर्यात किया जाने वाला पूर्वांचल का लंगड़ा आम, हरी मिर्च, अमरूद व सब्जियां अब जल्दी खराब नहीं होंगी। गामा रेडिएशन से प्रासेसिंग कर फल-सब्जियों की सेल्फ लाइफ को कई गुना बढ़ा दी जाएगी। आइआइटी-बीएचयू ने इसके लिए सेंटर फार रेडिएशन प्रॉसेसिंग फॉर फूड सेफ्टी एंड रूरल डेवलपमेंट का प्रस्ताव दिया है। 

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इसके माध्यम से पता लगाया जाएगा कि स्थानीय सब्जियों व फलों पर गामा रेडिएशन का क्या असर होगा और किस तरह इनकी सेल्फ लाइफ (फलों के पकने से लेकर खराब होने से पहले तक की अवधि) को बढ़ाया जा सकता है। यह निर्यात के नजरिए से बहुत ही फायदेमंद होगा, जिसका लाभ पूर्वांचल के किसानों के साथ आइआइटी-बीएचयूके शोध छात्रों को भी मिलेगा। सस्ता परिवहन होने के बावजूद जलपोत से फल या सब्जियों के विदेश भेजने का प्रचलन कम है, क्योंकि इसमें कई दिन लग जाते हैं और खराब हो जाते हैं। सेल्फ लाइफ बढऩे के बाद हवाई जहाज की बजाय जलपोत से भी कृषि उत्पाद भेजे जा सकेंगे। हाल में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आइआइटी-बीएचयू पहुंचे डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी के सचिव श्रीकृष्ण गुप्ता ने 18 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की स्वीकृति को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं। 

बचाई जा सकेगी फूड एनर्जी 

अधिक उत्पादन होने पर अमूमन फसलें खराब होती हैं। इससे बड़े पैमाने पर फूड एनर्जी बेकार चली जाती है। वहीं सेल्फ लाइफ बढ़ाकर न सिर्फ जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जा सकेगा, बल्कि निर्यात कर मुनाफा भी कमाया जा सकता है। यहां का प्रसिद्ध लंगड़ा व दशहरी आम, इलाहाबादी अमरूद, जौनपुर की मूली, रामनगर का बैंगन आदि विदेश भेजे जा सकेंगे। 

पुराना तरीका हो रहा खारिज 

हाल में अमेरिका, सऊदी अरब ने गामा रेडिएशन प्रॉसेस न होने से कुछ कंपनियों के मसाले रिजेक्ट कर दिए थे। वहीं वायरस, बैक्टीरिया जनित बीमारियों के चलते कई देश बिना स्टेलराइज्ड खाद्य सामग्री स्वीकार नहीं करते। जिन केमिकल का प्रयोग खाद्य पदार्थ को सुरक्षित करने में होता है, वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। जबकि इस तकनीक में सूक्ष्मजीव पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं और खाद्य पदार्थ को नुकसान नहीं होता। वर्तमान में चाइना, यूएस जैसे 60 देशों ने फूड रेडिएशन की अनुमति दी है। 


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