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प्रधानमंत्री ने किया 2022 तक हस्तशिल्प निर्यात 50 फीसद पहुंचाने का वादा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को वर्ष 2022 तक 50 प्रतिशत तक ले जाने का वादा किया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 09:58 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 11:56 PM (IST)
प्रधानमंत्री ने किया 2022 तक हस्तशिल्प निर्यात 50 फीसद पहुंचाने का वादा
प्रधानमंत्री ने किया 2022 तक हस्तशिल्प निर्यात 50 फीसद पहुंचाने का वादा

वाराणसी (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय हस्तशिल्प कला इस समय दुनिया में धूम मचा रही है। दुनिया में हमारे निर्यात का योगदान 35 फीसद है जिसे हम वर्ष 2022 तक 50 प्रतिशत तक ले जाएंगे। भारत में छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा कालीन बनाने की क्षमता है। यही हमारी खूबी भी है। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से दीनदयाल हस्तकला संकुल में इंडिया कारपेट एक्सपो का शुभारंभ किया।

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हस्तशिल्प कला जीवित रखना हमारा काम 

मोदी ने कहा कि भारत में हस्तशिल्प कला की लंबी परंपरा है और उसे जीवित रखना हमारा काम है। हमारी कोशिश है महिला कारीगर मुद्रा योजना का अधिक से अधिक लाभ लें। तकनीक से कुटीर उद्योग को जोडऩे का हम लोग पूरा प्रयास कर रहे हैं। आज मेड इन इंडिया कारपेट दुनिया में प्रतिष्ठित ब्रांड बन गया है, हमें इसे और आगे ले जाना है। सरकार विभिन्न क्षेत्रों में गोदाम और शोरूम बनाने की प्रक्रिया में भी कदम उठा रही है। किसानों को भी दुनिया से जोडऩे का काम चल रहा है ताकि उनका जीवनस्तर ऊपर हो सके। 

बनारस में प्रवासी भारतीय दिवस 

प्रधानमंत्री ने कहा अगले वर्ष 21 से 23 जनवरी तक बनारस में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जा रहा है और इससे भी भारतीय हस्तकला को लाभ मिलेगा। धनतेरस, दीपावली और छठ की बधाई देते हुए उन्होंने अपना उद्बोधन समाप्त किया। संकुल में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कारपेट को आधुनिक तकनीकी से जोडऩा आवश्यक है। हमारा प्रयास है कि महिला बुनकरों को अधिक प्रशिक्षित किया जाए ताकि उनका हुनर सिर चढ़ कर बोले। बीपीएल, अनुसूचित जाति और जनजाति, दिव्यांगों के शिक्षा के लिए सरकार 75 प्रतिशत तक धन खर्च करेगी। 

डिजाइनर कारपेट इस बार सबसे ऊपर

डिजाइनर कारपेट के जरिये भारतीय कारपेट निर्माता और निर्यातक विदेशी खरीदारों को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। अब डिजाइनर कारपेट में कई रंगों के स्थानों पर दो से तीन रंगों का ही प्रयोग किया गया है। जहां पर्शियन कारपेट में कई रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, वहीं भारतीय डिजाइनर कारपेट कम रंगों की वजह से आंखों को अच्छे लग रहे हैं। दूसरी ओर इनकी कीमत भी बहुत अधिक नहीं है। 

38 देशों के 250 कारोबारियों ने लिया हिस्सा

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के तत्वावधान में आयोजित एक्सपो 38 देशों के 250 कारोबाररी हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय कंपनियों ने 270 स्टालों पर कारीगरी प्रस्तुत की है। निर्यातक विजय कपूर ने बताया कि इस बार गाढ़े रंगों का प्रचलन अधिक नहीं है। केवल डिजाइनर कारपेट कई रंग और डिजाइनों में धूम मचा रहे हैं। इन कारपेट की कीमत पहले से कम है और ये वजन में भी हल्के हैं। जयपुर से आए व्यापारियों का कहना है कि इस बार अच्छा आर्डर मिलने की उम्मीद है क्योंकि हमारे कालीन की डिजाइनें बहुत ही अलग और सुंदर हैं। 


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