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Gyanvapi Masjid Case : शिवलिंग की नाप, दीवार तोड़कर तहखाने का निरीक्षण और मछली सुरक्षा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई अब 19 मई को

Gyanvapi Masjid Case latest Update शिवलिंग की नाप/दीवार तोड़कर तहखाने का निरीक्षण और मछली सुरक्षा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई आज ही होनी थी लेकिन अब इन दोनों प्रार्थना पत्रों पर कल यानी 19 को होगी सुनवाई। वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते आज की सुनवाई स्थगित कर दी गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 03:11 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 05:14 PM (IST)
Gyanvapi Masjid Case : शिवलिंग की नाप, दीवार तोड़कर तहखाने का निरीक्षण और मछली सुरक्षा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई अब 19 मई को
ज्ञानवापी मामले में दोनों प्रार्थना पत्रों पर कल यानी 19 मई को होगी सुनवाई।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। Gyanvapi Masjid Case ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में वादी पक्ष की ओर से अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र की सुनवाई बुधवार को नहीं हो सकी। इसमें मुकदमे की वादिनी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने मस्जिद के तहखाने में रखे मलबे व कमरेनुमा संरचना की दीवार हटा कर सर्वे कराने मांग की है। वहीं शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय की ओर से वजूखाने में मौजूद मछलियों को स्थानांतरित करने समेत अन्य मांग संबंधित प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई नहीं हुई। मांग किया कि दीवार व मलबे को हटाकर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही करते हुए शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई के बाबत रिपोर्ट मंगाई जाए। इसके लिए अगली तिथि 19 मई को तय की गयी है। वकीलों के हड़ताल के चलते प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई टल गयी।

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दोनों प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई के लिए वादी और प्रतिवादी पक्ष लंच के बाद अदालत पहुंच गए थे। दोनों प्रार्थना पत्र बेहद महत्वपूर्ण हैं इसलिए हर किसी में यह जानने की उत्सुकता रही कि अदालत इस पर क्या निर्णय करता है। हालांकि दोनों प्रार्थना पत्र पर सुनवाई नहीं हुई। वादी पक्ष ने प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया है कि मस्जिद परिसर में जहां शिवलिंग मिला है उसके पूरब तरफ दीवार में दरवाजा है। इसे ईंट-पत्थर व सीमेंट से जोड़ाई कर बंद कर दिया गया है। नंदी के मुंह की तरफ जो तहखाना है उसमें मलबा पड़ा हुआ है। इसके उत्तर में दीवार खड़ा करके शिवलिंग को ढंकते हुए सीमेंट से जोड़ दिया गया है। यह भी कहा कि बैरिकेडिंग के अंदर पश्चिम दीवार पर दरवाजे को ईंट-पत्थर सीमेंट से बंद कर दिया गया है।

उन्होंने मांग किया कि दीवार व मलबे को हटाकर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही करते हुए शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई के बाबत रिपोर्ट मंगाई जाए। जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया है कि न्यायालय के आदेश पर कार्यवाही करते हुए विवादित स्थल और नौ जालीदार दरवाजों को सील करके चाभी कोषागार में जमा कर दी गयी है। जिस परिसर को सील किया गया है उसके अंदर निर्मित तालाब में पानी भरा हुआ है। इसमें कुछ मछलियां हैं। परिसर सील होने के कारण मछलियों को जीवन पर संकट आ गया है। ऐसे में उन्हें स्थानांतरित करने के बाबत निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही सील किए गए क्षेत्र में चारो तरफ पाइप लाइन व नल लगा है। इसका उपयोग नमाजी वजू करने के लिए करते हैं। पाइप लाइन को सील क्षेत्र से करना जरूरी है। यहां मौजूद शौचालय में प्रवेश के लिए कोई अन्य रास्ता नहीं है। इन बिंदुओं पर एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट प्राप्त करके आदेश जारी किया जाए।

दो दिन का मांगा समय

वादी पक्ष की ओर से न्यायालय को दिए गए तहखाने की दीवार हटाने संबंधित प्रार्थना पत्र पर अपना पक्ष रखने के लिए प्रतिवादी पक्ष ने अदालत से दो दिन का समय मांगा है। इस आशय का प्रार्थना पत्र बुधवार को अदालत में दाखिल किया। इस पर भी सुनवाई 19 मई को ही होगी।


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