Gyanvapi Case: ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े मुकदमों की एक ही कोर्ट में सुनवाई की मांग पर 22 को फैसला
ज्ञानवापी से जुड़े सात मुकदमों को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने संबंधित प्रार्थना पत्र पर 20 मार्च को फैसला नहीं सुनाया जा सका। जिला जज डाॅ. अजय कृष्ण विश्वेश ने उक्त प्रार्थना पत्र पर निर्णय देने के लिए 22 मार्च की तिथि नियत कर दी है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता: ज्ञानवापी से जुड़े सात मुकदमों को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने संबंधित प्रार्थना पत्र पर 20 मार्च को फैसला नहीं सुनाया जा सका। जिला जज डाॅ. अजय कृष्ण विश्वेश ने उक्त प्रार्थना पत्र पर निर्णय देने के लिए 22 मार्च की तिथि नियत कर दी है। श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन समेत अन्य मांगों को लेकर मुकदमा दायर करने वाली पांच महिलाओं में से चार लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू देवी व रेखा पाठक ने सात मुकदमों को जिला जज की अदालत में सुनवाई करने की अपील की है, जबकि इनमें से एक रेखा सिंह तथा स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से आपत्ति की गई है।
पक्षकार बनने की अपील पर आदेश 25 को
जिला जज की अदालत में ही ज्ञानवापी प्रकरण में पक्षकार बनाए जाने के लिए दिवंगत पं. सोमनाथ व्यास के नाती शैलेन्द्र कुमार पाठक व जैलेंद कुमार पाठक की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर आदेश के लिए 25 मार्च की तिथि नियत कर दी गई। जिला जज डाॅ. अजय कृष्ण विश्वेश ने आदेश के लिए 20 मार्च की तिथि निर्धारित की थी लेकिन न्यायिक कार्य में व्यस्तता के कारण आदेश पारित नहीं किया जा सका।
अदालत ने 10 अप्रैल की तिथि नियत की
गाली-गलौज और धमकी देने के मामले में वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेन्द्र सिंह विसेन समेत दो के खिलाफ लंबित परिवाद में वादी महिलाओं का 20 मार्च को बयान दर्ज होना था। न्यायिक कार्य में व्यस्तता के कारण न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) धर्मेंद्र कुमार यादव ने वादी पक्ष का बयान दर्ज करने के लिए 10 अप्रैल की तिथि मुकर्रर कर दी। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में वादी चार महिलाओं रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी व सीता साहू ने जितेंद्र सिंह विसेन के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है।