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गाजीपुर में गंगा को गोद लेने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाएंगे गुल्लू, बच्ची को राजकीय शिशु गृह प्रयागराज भेजा गया

गाजीपुर गंगा नदी मेंं बाक्स में बंद मिली बच्ची ‘गंगा’ को अपनाने के लिए गुल्लू चौधरी हर वो रास्ता अपनाने को तैयार हैं जिससे वह उन्हें मिल सके। भले ही बच्ची को राजकीय शिशु गृह प्रयागराज भेज दिया गया हो लेकिन गुल्लू उसे छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 05:29 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 08:45 PM (IST)
गाजीपुर में गंगा को गोद लेने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाएंगे गुल्लू, बच्ची को राजकीय शिशु गृह प्रयागराज भेजा गया
बाक्स में बंद मिली बच्ची ‘गंगा’ को अपनाने के लिए गुल्लू चौधरी हर वो रास्ता अपनाने को तैयार हैं

गाजीपुर, जेएनएन। गंगा नदी मेंं बाक्स में बंद मिली बच्ची ‘गंगा’ को अपनाने के लिए गुल्लू चौधरी हर वो रास्ता अपनाने को तैयार हैं, जिससे वह उन्हें मिल सके। भले ही बच्ची को राजकीय शिशु गृह प्रयागराज भेज दिया गया हो, लेकिन गुल्लू उसे छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वह बच्ची को गोद लेने के लिए अब कानूनी प्रक्रिया अपनाएंगे। इसके लिए बनाए गए नियम के अनुसार आनलाइन आवेदन करेंगे। इसकी तैयारी में वह जुट गए हैं।

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शहर के ददरीघाट के पास गंगा में एक बहते हुए लकड़ी के बाक्स में वह नाव चलाने वाले गुल्लू चौधरी को मिली थी। उसके साथ उसकी जन्म कुंडली भी थी, जिसके अनुसार बच्ची का नाम ‘गंगा’ था और 25 मई 2021 को उसका जन्म हुआ था। जन्मकुंडली में उस बच्ची को गंगा को कन्यादान करने का जिक्र था। गुल्लू बच्ची को घर ले आए और पालने का मन बनाया, लेकिन पुलिस उसे लेकर चली गई और चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। चाइल्ड लाइन ने उसे जिला महिला अस्पताल के एनसीसीयू में भर्ती कराया। इस दौरान गुल्लू ने बच्ची को लेने के लिए डीएम मंगला प्रसाद तक गुहार लगाई, लेकिन कानून का हवाला देकर बच्ची देने से मना कर दिया गया। नौ दिन तक उपचार होने के बाद ‘गंगा’ को राजकीय शिशु गृह प्रयागराज भेज दिया गया है। इसके बाद भी गुल्लू नाउम्मीद नहीं हुए हैं। बच्चों को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया अपनाना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी कागजात आदि सहेजने लगे हैं।

परिवार भी है तैयार

- उक्त बच्ची को अपनाने के लिए गुल्लू का पूरा परिवार भी तैयार है। गुल्लू के तीन बच्चे हैं, दो बेटे और एक बेटी। बेटी बड़ी है और अब गुल्लू उसके विवाह की तैयारी कर रहे हैं। बच्चों को लगता है कि उन्हें एक और बहन मिल जाएगी और गुल्लू की पत्नी को लगता है कि उसे एक और बेटी मिल जाएगी।

मां गंगा ने दिया है आशीर्वाद

गुल्लू का कहना है कि गंगा मां की वह काफी दिन से सेवा व भक्ति करते चले आ रहे हैं। गंगा किनारे जनम लिया और उसी की लहरों में खेलकूद कर बड़ा हुआ। गंगा ही उसकी जीविका और सबकुछ है। मांग गंगा ने खुश होकर उसे बच्ची के रूप में अपना आशीर्वाद दिया है, जिसे वह किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते। अपनी बेटी की तरह पालना चाहते हैं।


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