मशरूम के बीज उगाएं और दो सप्ताह में करें धन दोगुना, वाराणसी के टिकरी गांव निवासी अनुपमा सिंह उठा रही लाभ
वाराणसी के टिकरी गांव निवासी अनुपमा सिंह सहित कुछ किसान इसका लाभ उठा भी रहे हैं। प्रशिक्षण राष्ट्रीय सब्जी अनुसंधान संस्थान या केवीके उद्यान विभाग से निश्शुल्क प्राप्त किया जा सकता है। कुल 15 लाख रुपये का इस्टीमेट बनाकर प्रस्तुत करने पर सरकार धन देगी।
वाराणसी, शैलेश अस्थाना। कोई भी बैंक इस तरह की गारंटी नहीं दे सकता, जैसा कि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. सुदर्शन मौर्य देते हैं, उनका कहना है कि महज दो हफ्ते में धन दोगुना कर सकते है, मशरूम के बीज उगाकर। जी हां, उनका दावा है कि महज दो हफ्ते में तैयार हो जाता है मशरूम का बीज जो लागत मूल्य से दोगुनी कीमत पर बिक जाता है। इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर और मशीनों की कीमत शामिल नहीं है। उत्पादन अधिक रहा तो डेढ़-दो साल में पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर की कीमत भी वसूल हो जाएगी। इसका इकाई स्थापित करने के लिए सरकार 40 फीसद अनुदान भी देती है। वाराणसी के टिकरी गांव निवासी अनुपमा सिंह सहित कुछ किसान इसका लाभ उठा भी रहे हैं। प्रशिक्षण राष्ट्रीय सब्जी अनुसंधान संस्थान या केवीके, उद्यान विभाग से निश्शुल्क प्राप्त किया जा सकता है।
शुरुआत कैसे करें
सबसे पहले यह बात समझनी होगी कि आपके क्षेत्र में किस प्रकार के मशरूम की मांग अधिक है। इस क्षेत्र में अलग-अलग सीजन में पांच प्रकार के मशरूम की खेती की जाती है। उसके अनुसार बीज तैयार किया जाता है।
सत्र मशरूम का प्रकार
अक्टूबर से फरवरी तक - बटन मशरूम
अक्टूबर से अप्रैल तक - ओएस्टर
मई से सितंबर तक - मिल्की
मई से सितंबर - पुआल पैरा
नवंबर से फरवरी - सिटाकी (औषधीय प्रजाति)
इकाई स्थापना के लिए क्या होगा आवश्यक
मशरूम बीज (स्पाम) के लिए सबसे पहले एक इकाई की स्थापना करनी होगी। इसके लिए एक एसी युक्त कमरा होना चाहिए। कमरे की कीमत यदि सात लाख और एसी की दो लाख रुपये रख लें तो लगभग नौ लाख रुपये शुरू में लगाने हैं। लगभग छह लाख रुपये की अन्य मशीनें आती हैं। कुल 15 लाख रुपये का इस्टीमेट बनाकर प्रस्तुत करने पर सरकार धन देगी। इसमें 40 फीसद यानी छह लाख रुपये अनुदान होगा।
कहां करें आवेदन
इस्टीमेट बनाकर जिला उद्यान कार्यालय में आवेदन करने पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम), एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआइडीएच) आदि से 15 लाख रुपये मिल जाएंगे। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड भी इसमें पैसा देता है।
इन मशीनों की पड़ेगी जरूरत
आटो प्लेव, लेमिनार फ्लो, हाट एयर ओवन, तापमान नियंत्रण के लिए बीओडी (बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड), ग्रेनाइट टाप टेबल (साइज आठ गुणा दस फीट)
आधारभूत आवश्यक चीजें
- गेहूं के दाने- एक कुंतल गेहूं में लगभग सवा कुंतल बीज उत्पादित होंगे।
- फार्मेलीन, कैल्शियम कार्बोनेट, कैल्शियम सल्फेट, पीपी बैग (7 गुणा 14 इंच के), काटन प्लग (पैकेट बांधने के लिए) व मशरूम के मदर स्पाम (बाजार से या सब्जी अनुसंधान संस्थान से, प्रशिक्षण भी आइआइवीआर से निश्शुल्क)।
कैसे बनाएं स्पाम
पूरी प्रक्रिया प्रशिक्षण में वैज्ञानिक बता देंगे।
कैसे हुआ धन दोगुना
लगभग 10 किलो गेहूं के दाने से 13 से 15 किलो स्पाम तैयार होता है। यदि आप प्रतिदिन आधा किलो के 50 पैकेट बनाते हैं तो वह दो सप्ताह में तैयार हो जाता है। एक पैकेट पर ईंधन, मेहनत, कमरे का किराया भी रखें तो 41 से 50 रुपये का खर्च आता है। तैयार स्पाम बाजार में 100 रुपये किलो बिकता है। यदि महीने में 20 दिन भी काम करें तो प्रतिमाह 1000 पैकेट तैयार होगा। इस तरह पांच क्विंटल स्पाम उत्पादन से आपको मिलेंगे महीने में 50,000 रुपये। इसमें कुल लागत लगभग 25 हजार निकाल दें तो बचत भी उतनी ही।