हरियाली कटी बनारस की, बजट गया चंदौली, योजनाओं की भेंट चढ़े 40 हजार पेड़ Varanasi news
विभिन्न योजनाओं के नाम पर जिले में पिछले छह सालों में 40 हजार से अधिक विशाल पेड़ों की कटाई की गई छोटे पौधे नष्ट हुए अलग से।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री के संसदीय जिले में विकास योजनाओं के साथ हरियाली भेंट चढ़ती गई। विभिन्न योजनाओं के नाम पर जिले में पिछले छह सालों में 40 हजार से अधिक विशाल पेड़ों की कटाई की गई, छोटे पौधे नष्ट हुए अलग से। उसके सापेक्ष जिले में पौधारोपण तो खूब हुए लेकिन वे अपने वजूद में नहीं आ सके। अपने वजूद में आने में उन्हें एक दशक लगेंगे।
स्थिति यह है कि बनारस में पौधरोपण के लिए जमीन नहीं होने पर यहां कटे पेड़ों का बजट चंदौली जिले में चला गया। इस साल जिले में कुल 2756453 पौधे लगाने हैं, इसके लिए जिले में जमीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पौधरोपण कैसे होगा इसको लेकर अधिकारी असमंजस में हैं। जिले के क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से पौधों की संख्या काफी कम है। इसका सीधा असर वायु प्रदूषण पर पढ़ रहा है। बनारस में वन क्षेत्र नहीं है। यहां भौगोलिक क्षेत्रफल 1535 स्क्वायर किलोमीटर है, उसके सापेक्ष 17 स्क्वायर किलोमीटर ग्रीन कवर क्षेत्रफल है जो 1.11 फीसद है। पिछले साल 16 स्क्वायर किलोमीटर ग्रीन कवर क्षेत्रफल था।
वन विभाग सरकारी स्कूलों और कार्यालयों, ग्रामसभाओं में खाली जमीन पर पौधरोपण कर लक्ष्य पूरा करता है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में वन विभाग को 1.07 लाख और वर्ष 2018-19 में 2.20 लाख पौधरोपण का लक्ष्य था जो किसी तरह पूरा कर सका। जिले में 2.20 लाख पौधे लगाने के लक्ष्य पर पूर्व प्रभागीय वनाधिकारी ने शासन के पत्र लिखकर जमीन उपलब्ध नहीं होने की बात कही थी लेकिन शासन ने उसे मानने से इंकार कर दिया। ग्राम सभाओं में जमीन नहीं होने या जहां खाली हैं वह किसी न किसी योजना में प्रस्तावित है। ऐसे में ग्राम प्रधान जमीन देने से साफ मना कर दे रहे हैं।
इन सड़कों पर हुई कटाई : सड़क चौड़ीकरण के नाम पर शिवपुर से बाबतपुर एयरपोर्ट, बाबतपुर से कपसेठी, आशापुर से पहडिय़ा, कलेक्ट्री फार्म से भदोही आदि मार्गों के चौड़ीकरण में विशाल पेड़ों की जमकर कटाई हुई।
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