पंचायत चुनाव की सरगर्मी के बीच दावेदार हुए सक्रिय, देर रात तक चल रहा जनसम्पर्क का सिलसिला
क्षेत्र के एक ग्राम पंचायत अधिकारी के अनुसार पंचायत चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूची के संशोधन हेतु बीएलओ की नियुक्ति की जा चुकी है।
बलिया, जेएनएन। उप्र सरकार के पंचायती राज्य मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के बयान 'पंचायत चुनाव को लेकर 48 जिलों में आंशिक परिसीमन किया जाएगा तत्पश्चात आरक्षण तय होने के बाद ग्राम प्रधान, बीडीसी सदस्य, जिला पंचायत सदस्य व ग्राम सभा वार्ड सदस्य का चुनाव होगा' के बाद गांवों में पंचायत चुनाव की सरगर्मी काफी बढ़ गई है। हालांकि ग्राम पंचायतों के चुनाव में अभी महीनों विलंब है, सरकार ने भी पंचायत चुनाव की कोई तिथि मुकर्रर नहीं की है। इसकेे बाद भी चुनावी गोटियां सजने लगी हैं।
एक ग्राम पंचायत अधिकारी के अनुसार पंचायत चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूची के संशोधन हेतु बीएलओ की नियुक्ति की जा चुकी है और उम्मीद है कि नवंबर में पंचायत चुनाव कराए जाएं। बावजूद इसके प्रधान पद के संभावित प्रत्याशी महीनों पहले से डोर टू डोर जाकर लोगों से संपर्क करने में लगे हैं। यह सिलसिला सुबह से देर रात तक चल रहा है। होली बाद से तो जनसंपर्क अभियान काफी तेज हो गया है। चट्टी चौराहे व चाय पान की दुकानों पर भी पंचायत चुनाव की चर्चा करते लोग देखे जा रहे हैं और संभावित प्रधान पद के प्रत्याशियों का आकलन अभी से करने लगे हैं। सुखपुरा जैसे कस्बे में संभावित एक दर्जन से अधिक प्रधान पद के दावेदार हो गए हैं जिसमें बड़े से छोटे सभी हैं।
फॉरवर्ड क्लास से लेकर बैकवर्ड क्लास तक के लोग अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हैं। अभी इसका कोई ठिकाना नहीं कि सुखपुरा ग्राम पंचायत का प्रधान पद सामान्य होगा या आरक्षित। फिर भी सामान्य वर्ग से लेकर आरक्षित वर्ग के लोग अपनी-अपनी दावेदारी को धार देने में लगे हैं। यहां बैनर पोस्टरों की भरमार लग गई है कोई विकास की गंगा बहाने का दावा भी कर रहा है। प्रधान पद के कुछ-एक संभावित प्रत्याशियों को छोड़ दें तो अधिसंख्य प्रधान पद के दावेदारों के पोस्टरों में तमाम तीज-त्योहारों की शुभकामनाएं दी गई हैं। पूरा कस्बा बैनर व पोस्टरों से पट चुका है। कुछ यही हाल आस-पास के अन्य गांवों की भी है, जहां प्रधान पद की लड़ाई चुनाव के महीनों पहले शुरू हो गई है और दावतों का दौर भी प्रारंभ है।