वाराणसी में लोकबंधु राज नारायण पर गोष्ठी को राज्यपाल राम नाईक ने किया संबोधित
राज्यपाल रामनाईक ने गुरुवार को वाराणसी में लोकबंधु राज नारायण पर गोष्ठी को संबोधित किया, राज्यपाल ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
वाराणसी, जेएनएन। राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि राज नारायण के व्यक्तित्व एवं कृतित्व एक मिसाल है उन्होंने अपने कार्य से भारत के इतिहास को बदल दिया राज नारायण जी ने न्याय के लिए जिस प्रकार संघर्ष किया वह देश के इतिहासमेंस्वर्णअक्षरों में लिखा जाएगा | राज्य पाल गुरूवार कोमोती कोट गंगापुर में राज नारायण एवं पंजा तांत्रिक पुन जागरण में उनकी उपयोगिता विषयक समागम एवं नव सृजित लोकबंधु राजनारायण इंटर कालेज में बतौर मुख्य बोल रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि चुनाव में श्रीमती इंदिरा गांधी के सामने हारने के बाद भी राज नारायण जी ने जो संघर्ष संविधान के तहत किया वह उन को महान बनाता है। न्यायालय की भी ताकत है यह ताकत संविधान से प्राप्त होती है, राज नारायण जी ने इसी संविधान के तहत संघर्ष किया है। राजनारायण जी ने यह प्रमाणित कर दिया कि जो संविधान के विरुद्ध कार्य करता है उसे सिखाया जा सकता है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा जनतंत्र देश है जो पूरी तरीके से सफल है संविधान के अनुसार ही प्रदेश की सरकार चल रही है। संविधान की मर्यादा को बचाए रखना देश के सभी नागरिकों का अधिकार है। हर एक नागरिक को अपने मत का उपयोग करना चाहिए राज्यपाल ने कहा चुनाव आयोग 25 जनवरी को मतदाता दिवस मनाता है। हमने ऐसे लोगों को सम्मानित किया है जिन लोगों ने अपने बूथों पर सबसे ज्यादा मतदान किए हैं। चाहे वह अफसर हो या बूथ एजेंट हो। लोकसभा का निर्वाचन होने वाला है इस दौरान सबसे ज्यादा वोट जहां पड़ेगा वहां के ऑफिसर और बूथ एजेंटों को सम्मानित किया जाएगा। समारोह के बाद मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह एवम अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया इस अवसर पर प्रबंधक सुभाष सिंह लोकबंधु विधि महा विद्यालय एवं नव सृजित लोक बंधु राजनारायण इंटर कॉलेज ने अतिथियों का स्वागत किया धन्यवाद ज्ञापन अभिषेक सिंह निदेशक राजनारायण विधि महाविद्यालय ने दिया|
इससे पूर्व राज्यपाल सुबह एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से लोकबंधु राजनारायण इंटरकालेज पहुंचे और विचार गोष्ठी को संबोधित किया। 'राजनारायण और प्रजातांत्रिक पुनर्जागरण और उनकी उपयोगिता' आधारित विचार गोष्ठी को कई अन्य विद्वानों ने भी संबोधित करते हुए वर्तमान प्रासंगिकता पर भी अपने विचार जाहिर किए।