बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन पहुंचे भूमा अध्यात्म पीठ, भागवत कथा का भी श्रवण
बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन शनिवार की दोपहर में केदारघाट स्थित भूमा अध्यात्म पीठ पहुंचे, वह 28वें महा निर्वाणोत्सव के तहत आयोजित समारोह में शामिल हुए।
वाराणसी, जेएनएन। बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि आज हमारा प्रकृति और पर्यावरण हमसे रुष्ट हो गया है। हम सभी को इस पर विचार करना चाहिए। काशी अनादि काल से विद्वानों की नगरी रही है। इस विकराल समस्या पर संत -महंत आगे आकर मार्गदर्शन करें तभी कल्याण हो सकता है। राज्यपाल लालजी टंडन शनिवार को केदारघाट स्थित भूमा अध्यात्म पीठ में स्वामी भूमानंद तीर्थ महाराज के महानिर्वाणोत्सव में हाजिरी लगाने पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि भारत भूमि को महान बनाने में संतों की बड़ी भूमिका रही है, वह मार्गदर्शन निरंतर बना रहना चाहिए। उन्होंने काशी विद्वत परिषद का उल्लेख किया और कहा कि संतों- विद्वतजनों से ही सनातन संस्कृति समृद्ध है, अगर यह कमजोर हो गई तो भारत नष्ट हो जाएगा। हम खुद को पहचान लें तो भारत की तमाम समस्याओं का समाधान स्वत: ही हो जाएगा। देश-समाज में परिवर्तन हो रहा है तो हृदय परिवर्तन भी होना चाहिए। हम धार्मिक आध्यात्मिक थाती संभाल कर सहेज कर चलें। इस दौरान काशी के विद्वानों ने राज्यपाल को राजश्री की उपाधि से अलंकृत किया। राज्यपाल ने भूमानंद तीर्थ महाराज की चरण पादुका का पूजन किया। दीक्षा गुरु भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज का चरण वंदन किया। स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने आशीष दिया।
श्रीस्वामी भूमानंद कालेज आफ नर्सिंग हरिद्वार की छात्राओं ने शास्त्रीय नृत्य में सरस्वती वंदना के साथ ही एकल व समूह प्रस्तुतियां दीं। वृंदावन से पधारे कथा मर्मज्ञ पं. श्याम सुंदर पाराशर, काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. रामयत्न शुक्ल, मंत्री डा. रामनारायण द्विवेदी, विधायक सौरव श्रीवास्तव, चिंतामणि गणेश मंदिर के महंत पं. चल्ला सुब्बाराव शास्त्री, शारदा भवन के विनोद राव पाठक समेत विद्वतजन थे। स्वागत केंद्रीय ब्राह्मïण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सतीशचंद्र मिश्र ने किया।