कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार को देनी होगी स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता
वाराणसी जिले में कोरोना संक्रण की महामारी के दूसरी लहर से लड़ते समय हमारे पास मुकम्मल व्यवस्था नहीं थी। जिस कारण हजारों लोगों को महामारी की विभीषिका का शिकार होना पड़ा। प्रसूती महिलाओं के उपर इसका कहर ज्यादा दिखा।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी के दूसरी लहर से लड़ते समय हमारे पास मुकम्मल व्यवस्था नहीं थी।
जिस कारण हजारों लोगों को महामारी की विभीषिका का शिकार होना पड़ा। प्रसूती महिलाओं के उपर इसका कहर ज्यादा दिखा। पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस के चलते हजारों लोगों को अपनी आंखे गवानी पड़ी। भविष्य में ऐसा न होने पाए इससे बचने के लिए सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देनी होगी। यह बातें पं. कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के तत्वावधान में चल रहे ' स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा और दशा' पर आयोजित वेबिनार में वक्ताओं ने कहा।
डॉ. अनुराग टण्डन ने कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी से लोगों को भयक्रांत होने की जरूरत नहीं है। ब्लैक फंगस बीमारी उन्हीं को होती है, जिनका इम्यूनिटी सिस्टम बहुत ज्यादा कमजोर होता है। जो हाई डायबटिक होते हैं। बिना डॉक्टर से परामर्श लिए जो लोग अपने मन से कुछ दवाइयां शुरू कर देते हैं। इसलिए हमारा लोगों से निवेदन है कि बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई दवा न लें। डॉ. आकाश टंडन ने कहा कि ब्लैक फंगस की बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण नमी है। उन्होंने बताया कि जैसे घर में डबल रोटी को फ्रिज में रख दें तो नमी के कारण उस पर फंफूद जम जाती है। नाक से होने वाले प्रदूषण से भी फंगस फैलता है। इसका एक और बड़ा कारण है कि लोग बिना डॉक्टरी परामर्श के दवा लेने लगते हैं।
डॉ. अमृता टंडन ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में कोरोना को लेकर बहुत सारी भ्रामक खबरें प्रचारित हुई हैं।जिससे गर्भवती महिलाओं में भय का माहौल पैदा हो गया है। इससे कतई भयाक्रांत होने की जरूरत नहीं है। जो करोना प्रोटोकाल है उसे गर्भवती महिलाओं को भी फॉलो करना है। ऐसा कुछ भी नहीं है कि यदि किसी गर्भवती महिला को करोना हो गया तो उसके लिए बहुत बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। जो भी कोरोना से बचाव के उपाय हैं वह एक सामान्य महिला की तरह गर्भवती महिलाओं को भी अपनाना चाहिए। डॉ. शालिनी टन्डन ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के ऊपर करोना बीमारी का जितना खतरा है उतना ही आम महिला के ऊपर भी है। अगर कोरोना प्रोटोकॉल के अंतर्गत बताए गए नियमों का पालन किया जाए तो महिलाओं को अलग से इलाज की आवश्यकता नहीं होगी।
गर्भवती महिला को हर हाल में अपने मनोबल को मजबूत बनाए रखें। सकारात्मक सोच के साथ खुद को प्रसन्न रखने की आदत डालें। वरिष्ठ पत्रकार केडीएन राय ने कहा कि कोई भी पैथी, कोई भी विधा अपने आप में पूर्ण होती है। उसके बारे में भ्रम फैलाना अनुचित है। योग हमारे देश की एक बहुत पुरानी विधा है। आज उसका लाभ करोडों लोगों को मिल रहा है। योग की दुकानदारी करने वालों ने योग को व्यापार बना डाला है। संचालन विजयकृष्ण और शैलेंद्र सिंह, तकनीकी सहयोग पुनीत मिश्रा ने किया। इसमें विजयशंकर पांडेय, बैजनाथ सिंह, प्रो. अनिल कुमार उपाध्याय, भूपेन्द्र प्रताप सिंह, आनन्द मिश्रा भी जुड़े थे।