प्रवासी भारतीय सम्मेलन जैसी व्यवस्था मरीजों को दे सरकार, एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कोविड कंट्रोल कक्ष का लिया जायजा
बेहतर चिकित्सकीय सुविधा के सरकारी दावों के बीच बढ़े मौत के आंकड़ों पर जमीनी हकीकत से वाकिफ होने पहुंचे एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने बुधवार को सिगरा स्थित कोविड कंट्रोल कक्ष का जायजा लिया। एमएलसी ने मौके पर फोन करके पांच पीड़ित परिवारों का फीडबैक लिया।
वाराणसी, जेएनएन। बेहतर चिकित्सकीय सुविधा के सरकारी दावों के बीच बढ़े मौत के आंकड़ों पर जमीनी हकीकत से वाकिफ होने पहुंचे एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने बुधवार को सिगरा स्थित कोविड कंट्रोल कक्ष का जायजा लिया। जिले के अस्पतालों में पीड़ितों के उपचार की व्यवस्था और हेल्पलाइन नंबर पर फरियादियों के शिकायत निस्तारण के तौर तरीकों की जानकारी ली।
कंट्रोल कक्ष में मौजूद एसीएम प्रथम व एसडीएम सदर से मिलकर उन्होंने ऑक्सीजन की कमी और मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने में उत्पन्न कठिनाइयों पर सवाल किए। एमएलसी ने मौके पर फोन करके पांच पीड़ित परिवारों का फीडबैक लिया। जिनमें चार लोगों ने इलाज मिलने से इनकार किया। जबकि एक फरियादी ने अस्पताल में भर्ती लेने की बात स्वीकार की। कोविड कंट्रोल कक्ष के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि चार दिन में एक हजार बेड तैयार किए जा रहे हैं। इसके बाद सारी शिकायतें दूर हो जाएगी। प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा करते हुए आशुतोष सिन्हा ने वाराणसी में मौजूदा अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर की अनुपलब्धता पर सवाल किए। साथ ही सुझाव दिया कि हजारों करोड़ खर्च करके प्रवासी भारतीयों के लिए बने विशालकाय रेस्टहाउस की तरह यहां एक अस्थायी अस्पताल बनाया जा सकता है। जहां हजारों मरीजों का उपचार हो सकेगा। एमएलसी ने अस्पतालों में घोर लापरवाही पर कड़ी आपत्ति जताई, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले में सीधा हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़ व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा इत्यादि कार्यकर्ता मौजूद रहे।