सरकारी विभाग हैं नगर निगम के बड़े बकाएदार, 19 दिन में करना है 21 करोड़ की वसूली
ग्यारह माह में 39 करोड़ की वसूली करने वाले वाराणसी नगर निगम प्रशासन पर वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में 19 दिन में 21 करोड़ वसूली करने का लक्ष्य है।
वाराणसी, जेएनएन। ग्यारह माह में 39 करोड़ की वसूली करने वाले नगर निगम प्रशासन पर वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में 19 दिन में 21 करोड़ वसूली करने का लक्ष्य है। ऐसे में लक्ष्य को पूरा करना नगर निगम प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। वह भी तब जब सदन ने इस बारे में निर्णय दिया है कि अनावसीय भवनों की कर वसूली 2014 से न करके उसे वर्तमान वित्तीय वर्ष से कराया जाए। हालांकि नगर निगम के बड़े बकाएदारों में ज्यदातर सरकारी विभागों के कार्यालय है।
इसमें पीलीकोठी स्थित रोडवेज बस स्टैंड, जैतपुरा स्थित मदरसा मजहरुलून, सेंट्रल हिंदू स्कूल कमच्छा, बृजमणिदेवी, हिंदू सेवा सदन, मरकजी दारुल अलम, होटल केके कारपोरशन और संजय कुमार हैं। अन्य बकाएदारों में कुर्मी क्षत्रिय धर्मशाला, आचार्य महंत विवेक दास, बृजपाल दास और विशाल सिंह आदि हैं। नगर निगम के अफसर इन बकाएदारों के यहां कुर्की की तैयारी में लगे थे लेकिन नगर निगम सदन द्वारा अक्टूबर में हुए फैसले के बाद स्थिति काफी बदल गई है। अफसरों का कहना है कि सदन के इस एक निर्णय ने कर वसूली में लगे कर्मचारियों के हाथ पैर बांध रखे हैं। इसके बाद जोनल अधिकारियों ने कुर्की की कार्रवाई बंद कर दी और कर वसूली के लिए दबाव का असर भी कम होने लगा। अफसरों का कहना है कि एक ओर तो लक्ष्य को 43 करोड़ से बढ़ाकर 60 करोड़ कर दिया गया। दूसरी ओर वसूली पर तमाम बंदिशें लगा दी गई।
नहीं लिखे गए बड़े बकाएदारों के नाम
नगर आयुक्त गौरांग राठी ने सभी जोनल कार्यालयों पर बड़े बकाएदारों के नाम लिखवाने का आदेश दिया था। जोनल अधिकारियों ने मुख्य अभियंता को सूची एक सप्ताह पहले ही भेज दी है। इसके बावजूद अब तक बकाएदारों के नाम नहीं लिखवाए गए हैं। अब 19 दिन शेष है। ऐसे में बकाएदारों पर दबाव बनाने की नगर निगम की रणनीति कमजोर होती दिख रही है।
3192 लोगों ने जमा किया ऑनलाइन गृहकर
गृहकर ऑनलाइन जमा करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। 13 मार्च तक 3192 लोगों ने 76 लाख 72 हजार रुपया जमा कराया है। यह अब तक की कुल वसूली का 1.28 फीसद है। 31 मार्च तक एक करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है। जून माह के अंतिम दिन आठ सौ से लोगों ने ऑनलाइन गृहकर जमा कराया था।