राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के सहयोग से कृषि उद्योगों को बढ़ावा देने में मिलेगी मदद
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के सहयोग से कृषि उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। यह कहना है केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम अपने शीर्ष संस्थानों में श्रेष्ठ ढांचागत निर्माण के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए संकल्पित हैं। आइआइटी-बीएचयू सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के तहत सामाजिक उद्यमिता विकास में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के सहयोग से कृषि उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। यह कहना है केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का।
गुरुवार को बनारस पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने आइआइटी के जिमखाना ग्राउंड में शिक्षकों के आवास फेज-2, छात्रों के मोर्वी छात्रावास-द्वितीय व एनी बेसेंट व्याख्यान संकुल-एक्सटेंशन के शिलान्यास के बाद विचार व्यक्त कर रहे थे। उनकी उपस्थिति में ही आइआइटी बीएचयू व अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के बीच संस्थान में नवागत छात्रों के लिए 21 दिन के इंडक्शन प्रोग्राम चलाने को समझौतापत्र पर हस्ताक्षर हुआ। आइएमएस-बीएचयू के अधिकारियों से मुलाकात कर उन्होंने एम्स जैसे संस्थान को लेकर चल रही कवायद और विकास कार्यो की जानकारी संग जरूरी निर्देश दिए। स्वागत निदेशक प्रो. पीके जैन ने किया। एम्स जैसी सुविधा उपलब्ध कराने में न करें कोताही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बीएचयू में चल रही विकास कार्यो की समीक्षा में आइएमएस बीएचयू को एम्स जैसा बनाने में विलंब को लेकर सवाल खड़े किए। कहा, पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर कोताही न करें। इसमें धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। इस पर आइएमएस निदेशक प्रो. आरके जैन व बीएचयू अस्पताल के एमएस प्रो. एसके माथुर ने ढांचागत कार्यो के बारे में बताया। केंद्रीय मंत्री ने शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक, सेंट्रल डिस्कवरी सेंटर, सेंटर फॉर बोन मैरो ट्रांसप्लांट एंड स्टेम सेल रिसर्च सेंटर सहित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मेंटल हेल्थ की जानकारी ली। कुलपति प्रो. राकेश भटनागर, रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला, आइएमएस निदेशक प्रो. आरके जैन, कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार सहित प्रो. राजीव प्रकाश, नितिन मल्होत्रा, डा. एसके गुप्ता डा. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी, प्रो. कमलेश दत्त त्रिपाठी, प्रो. जुगल किशोर मिश्र, प्रो. वीके त्रिपाठी आदि लोग उपस्थित थे। दो वर्ष में बनाने का लक्ष्य फैकल्टी आवास के दो ब्लॉकों में 3- बीएचके के 80 आवास बनेंगे।
दस मंजिला मोर्वी छात्रावास में 570 कक्ष बनाए जाएंगे
दस मंजिला मोर्वी छात्रावास में 570 कक्ष बनाए जाएंगे। एक कमरे में दो छात्र रह सकेंगे। एनी बेसेंट व्याख्यान संकुल-एक्सटेंशन में निदेशक कार्यालय, ऑडिटोरियम, कांफ्रेंस हाल, लेक्चर थिएटर बनाए जाएंगे। तीनों भवनों को दो वर्ष के भीतर मुकम्मल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शैक्षणिक संस्थानों में इंडक्शन प्रोग्राम निदेशक प्रो. पीके जैन ने बताया कि समझौते के अनुसार सभी एआइसीटीई प्रमाणित शैक्षणिक संस्थानों में नए छात्रों के लिए 21 दिन का इंडक्शन प्रोग्राम चलाया जाएगा। उद्देश्य छात्रों को नए परिवेश की जानकारी देने के साथ ही उनका व्यक्तित्व विकास करना है। इस तरह के कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान ने ही की थी। इसके लिए आइआइटी-बीएचयू एआइसीटीई को रिसोर्स मैटेरियल के साथ आडियो लेक्चर उपलब्ध कराएगा। दोनों की संयुक्त कमेटी इस कार्यक्रम को देश के अन्य शैक्षणिक संस्थानों में संचालित करने में मदद करने के साथ ही इसका मूल्यांकन करेगी।
मंत्री के सामने कुलपति का विरोध
जिमखाना ग्राउंड में शिलान्यास के दौरान उस समय असहज स्थिति उत्पन्न हो गई, जब कुछ छात्र केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के सामने ही बीएचयू कुलपति के विरोध में नारेबाजी करने लगे। इस बीच सुरक्षा को लेकर भारी चूक भी उजागर हुई। छात्रों ने बीएचयू में चल रही नियुक्तियों में ¨हदी भाषी अभ्यर्थियों संग भेदभाव को लेकर केंद्रीय मंत्री को पत्रक भी सौंपा।