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पूर्वांचल में पराली जलाने को लेकर प्रशासन चौकन्‍ना, गांवों से खेतों तक अधिकारियों ने किया रुख

पूर्वांचल में पराली जलाने को लेकर प्रशासन इन दिनों चौकन्‍ना है। गांवों से लेकर खेतों की तरफ अधिकारी रुख कर चुके हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 11:58 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 05:22 PM (IST)
पूर्वांचल में पराली जलाने को लेकर प्रशासन चौकन्‍ना, गांवों से खेतों तक अधिकारियों ने किया रुख
पूर्वांचल में पराली जलाने को लेकर प्रशासन चौकन्‍ना, गांवों से खेतों तक अधिकारियों ने किया रुख

बलिया, जेएनएन। पूर्वांचल में पराली जलाने को लेकर प्रशासन इन दिनों चौकन्‍ना है। गांवों से लेकर खेतों की तरफ अधिकारी रुख कर चुके हैं। बलिया जिले में बांसडीह तहसीलदार गुलाब चंद्रा ने हार्वेस्टर से किए गये फसल की कटाई वाले किसानों के गांवों में जाकर खेतो में पराली न जलाने की हिदायत के साथ ही इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान व एनजीटी के आदेश का हवाला देते हुए लोगों को जागरुक किया। किसानों को बताया कि जिस किसान के खेत में धान अथवा किसी भी फसल के अवशेषों को जलता पाया जाएगा उसके खिलाफ जुर्माना और कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।

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वहीं इस मामले में तहसीलदार बांसडीह ने देवरार व छितौनी गांव के किसानों के साथ ही हार्वेस्टर मालिकों को भी सोमवार की सुबह जागरूक करने के साथ ही उन किसानों से लिखित भी लिया कि फसल के अवशेषों को नहीं जलाएंगे। तहसीलदार ने बताया कि इस तरह के आदेश के साथ सभी हल्का लेखपालों को भी गांवों में फसल के अवशेष न जलाए जाएं। इसकी ताकीद भी किसानों को करते रहने और सतत ध्यान रखने का निर्देश भी दिया गया है। राजस्व के साथ- साथ संबंधित थाने की हल्का पुलिस भी इस पर ध्यान रख रही है।


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