माघ पूर्णिमा पर इस बार सौभाग्य योग, जानिए कब तक रहेगा स्नान- दान का पुण्यकाल
स्नान- दान व्रत की पूर्णिमा यानी माघ मास का सर्व प्रमुख स्नान माघी पूर्णिमा इस बार नौ फरवरी को पड़ रही है।
वाराणसी, जेएनएन। स्नान- दान, व्रत की पूर्णिमा यानी माघ मास का सर्व प्रमुख स्नान माघी पूर्णिमा इस बार नौ फरवरी को पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि आठ फरवरी को दोपहर 2.52 बजे लग रही है जो नौ फरवरी को दोपहर 1.08 बजे तक रहेगी। इस बार माघी पूर्णिमा पर सौभाग्य योग बनने से यह अपने आप में बेहद खास है। तिथि विशेष पर प्रयाग में कल्पवासी व व्रतीजन एक मास (पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक) तक चलने वाले यम-नियम, संयमादि की पूर्णाहुति करेंगे।
इसी दिन काशी में संत रविदास जयंती व सीर गोवर्धन ग्राम यात्रा दर्शन का भी विधान है। ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार पूर्णिमा पर तीर्थ स्थानादि में या स्वदेश में रह कर पवित्र नदी गंगा या काशी में दशाश्वमेध व प्रयाग में अरुणोदय काल में स्नान करना चाहिए।
पूजन मंत्र : स्नान आरंभ में ईश्वर की आपस्त्वमसि देवेश च्योतिषाम अतिरेव च। पापम् नाशय मे देव वांग्मन: कर्मभि: कृतम।। से, जल की दुख दारिद्रय नाशय श्रीविष्णुतोषणाय च। प्रात: स्नानम् करोमध्य माघि पाप विनाशनम।। से प्रार्थना कर स्नान के पश्चात सवित्रे प्रसवित्रे च परम धाम: जलेव मम। त्वतेजता परिभ्रस्तम पापम् यातु सहस्त्रधा।। से सूर्य को अघ्र्य देकर श्रीहरि का पूजन-वंदन करना चाहिए।
दान का विशेष मान : स्नानोपरांत गरीबों -असहायों व पुरोहितों को तिल, पात्र, ऊनी वस्त्र, कंबल, कपास, गुड़, घी, उपानह, फल, अन्न व स्वर्णादि दान करना चाहिए। व्रत रखते हुए ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। इससे जन्म-जन्मांतर के पापों का क्षय तथा कई जन्मों तक अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती रहती है। अंत में भगवान विष्णु धर्म परायणों को वैकुंठ में स्थान देते हैैं।