Lockdown in chandauli : अक्षय तृतीया और शादी लग्न निरस्त होने से स्वर्ण व्यवसाय पर मंदी की छाया
Lockdown in chandauli अक्षय तृतीया और शादी लग्न निरस्त होने से स्वर्ण व्यवसाय पर मंदी की छाया।
चंदौली [विवेक दुबे]। लॉकडाउन के कारण इस साल सराफा कारोबार को करारी चपत लगी है। अक्षय तृतीया और शादी लग्न एक साथ पड़ने को लेकर सराफा कारोबारियों को आस थी कि इस बार अच्छी कमाई होगी लेकिन अचानक हाहाकार मचाते हुए आएं लॉकडाउन ने सराफा कारोबारियों को बोल्ड कर दिया। कारोबारियों के अरमानों पर पानी फेर कर रख दिया। यही एक ऐसा सीजन होता है कि अक्षय तृतीया और शादी के इस लग्न में आभूषण कारोबारियों को काफी उम्मीदें रहती हैं। अब इस आर्थिक संकट से सराफा कारोबारियों का दोबारा खड़ा होना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा। इतना ही नहीं कारीगरों को अपनी नई रोजी-रोटी ढूंढ़नी होगी।
शादी-विवाह व अक्षय तृतीया जैसा पर्व हुआ धड़ाम
शादी-विवाह व अक्षय तृतीया जैसे पर्व पर जहां सोने-चांदी के आभूषणों की जोरदार खरीदारी होती है। कारोबारियों का मार्केट में ज्यादा पैसा फंसा हुआ है। अब अक्तूबर में नवरात्र और नवंबर, दिसंबर में वैवाहिक लग्न आएगा तभी कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। सराफ कारोबारियों के अनुसार इधर 5 से 6 माह तक कारोबार नहीं के बराबर होगा। व्यवसाय तीन प्रतिशत जीएसटी और सोने के वैश्विक रूप में बढ़े हुए रेट की वजह से घोर मंदी के दौर से गुजरे हैं। नगर के परमार कटरा व धर्मशाला रोड में सोने-चांदी की सभी दुकानें पिछले 22 मार्च से ही बंद हैं।
आर्थिक मंदी में दूसरा रोजगार ढूढेंगे हस्तशिल्पी कारीगर
सराफा व्यवसाय से जुड़े कर्मचारी व कारीगरों पर भी आर्थिक संकट मंडराएगा। सराफ कारोबारियों को केंद्र व राज्य सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं।
वैवाहिक लग्न में आभूषण की दुकानों पर रौनक रहती है। अक्षय तृतीया पर अच्छी खरीद-बिक्री होती है। इस पर्व की तैयारी सराफा कारोबारी पांच-छह माह पूर्व से ही करने लगते हैं लेकिन इस बार तो स्थिति एकदम संकट वाली हो
गई है। सरकार सराफा व्यवसाय और इससे जुड़े हस्तशिल्पी कारीगरों के लिए कोई ऐसी योजना बनाएं जिससे सभी की रोजी रोटी चलती रहे। इतना ही नहीं असंगठित क्षेत्र में यह व्यवसाय ज्यादा फैला है जैसे गलाई वाला, कारीगर, पालिस वाला, छोटे दुकानदार इत्यादी। इनके सामने भुखमरी की समस्या आ गई है जो कि लॉकडाउन के बाद और भी विकराल हो जाएगी।
जनपद में स्वर्ण कारोबार
- जनपद में दुकानों की संख्या- 1500
- जनपद में कारोबारियों की संख्या- तीन हजार
- जनपद में कारीगरों की संख्या- पांच हजार
- अक्षय तृतीय व लग्न में पिछले वर्ष में व्यापार- 150 करोड़ रुपये
बोले कारोबारी
लॉकडाउन से सराफा व्यापार बेपटरी हो गया है। व्यापारियों के साथ ही कारीगर भी परेशान हो गए हैं। सरकार को बिजली बिल, लोन को माफ करना चाहिए। साथ ही कर्मियों को मानदेय देने की व्यवस्था करनी चाहिए।
-सरदार मंजीत सिंह, रत्नदीप ज्वेलर्स।