चांदी अभी से काटने लगी दिवाली, आप भी जानें क्या हो रहा है सोने- चांदी के बाजार में इस बार त्योहार में स्पेशल
धनतेरस पर चांदी के सिक्कों की खरीदारी लोग जमकर करते हैं। ऐसे में बाजार में जहां क्वीन विक्टोरिया के पुराने सिक्के खनखना रहे हैं।
वाराणसी [वंदना सिंह]। धनतेरस पर चांदी के सिक्कों की खरीदारी लोग जमकर करते हैं। ऐसे में बाजार में जहां क्वीन विक्टोरिया के पुराने सिक्के खनखना रहे हैं। वहीं गंगा जमुनी-तहजीब व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले सिक्के भी बाजार में छाए हुए हैं। दीपावली से पहले गणेश-लक्ष्मी की चांदी की मूर्तियां भी लोग खरीद रहे हैं। कुल मिलाकर इस बार दीवाली जमकर चांदी काटने की तैयारी में हैं और बाजार भी उसी भाव के अनुरूप ही अब सजने लगा है। वैसे भी दीवाली पर धन को धातु के रुप में संग्रह करने की उत्तर भारत में परंपरा रही है और मान्यता भी है कि सोने और चांदी में ही वैभव की देवी लक्ष्मी का वास होता है।
वट वृक्ष के सिक्के की डिमांड
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए वटवृक्ष की आकृति के सिक्के की काफी डिमांड है। इसमें पांच ग्राम से लेकर इससे 200 ग्राम या उससे भी अधिक वजन के सिक्के शामिल हैं। इन सिक्कों की बाजार में डिमांड होने की वजह से किसी भी कारोबारी के पास इसकी अधिक संख्या मिलेगी।
विक्टोरिया संग अन्य आकृति भी
आमतौर पर रानी विक्टोरिया का पुराना सिक्का लोग लेते हैं। चांदी पर गोल्ड पालिश वाले सिक्के भी लोगों को पसंद आ रहे हैं। इसमें विक्टोरिया व किंग का चेहरा, बाल गोविंद, गणेश लक्ष्मी, बजरंगबली आदि आकृति शामिल है। हालांकि इनमें पुराना सिक्का होने की वजह से विक्टोरिया की डिमांड अधिक है।
सिक्के के बॉक्स भी डिजाइनर
सिक्कों के लिए विशेष बॉक्स भी डिजाइन किए जा रहे हैं, जिसमें सिक्के को रखकर किसी को भेंट दे सकते हैं। इन्हें हैवी लुक, बनारसी, सिल्क या ब्रोकेड आदि से शाही अंदाज में तैयार किया जा रहा है। इसके लिए कारोबारी पहले से ही आर्डर दे चुके हैं वहीं बटुआ भी खास तरीके का भोपाल वाला दुकानों में मिल रहा है।
गंगा-जमुनी सिक्का
बात करते हैं सिल्वर व गोल्ड पालिश से मिलकर बने सिक्कों की, तो इन्हें हिंदू व मुस्लिम दोनों ही मिलकर बनाते हैं, ऐसे में यह गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में यह पर्व और उपहार कुछ खास संदेश भी देता आपको नजर आएगा।
चांदी व सोने के देवी देवता
चांदी संग सोने के गणेश-लक्ष्मी, बजरंग बली, मां दुर्गा की मूर्तियां भी आकर्षक सिंहासन के साथ बाजार में उपलब्ध हैं। बाजार में कीमत इनकी अधिक है लिहाजा कम ही खरीदार इसे खरीदने आते हैं हालांकि त्योहार पर कारोबारी बताते हैं कि कुछेक खरीदार आते हैं जिनकी रुचि सोने के देवी देवताओं में होती है।
बोले कारोबारी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण अभियान से प्रेरित होकर इस बार ऐसे सिक्के बाजार में छाए हैं। इसके साथ ही 'गंगा-जमुनी' सिक्का जो गोल्ड व सिल्वर से बना है वह भी पसंद किया जा रहा है। सिक्के के रूप व आकार में इस बार काफी परिवर्तन आया है। -अनिल जैन, सराफा व्यापारी।