आदर्श ग्राम नागेपुर : सुनहरे सपनों को उड़ान देने के लिए बाइक चलाना सीख रही हैं लड़कियां
बुलंद हौसलों के साथ सुनहरे भविष्य के सपनों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम नागेपुर में लड़कियां इन दिनों स्कूटी चलाना सीख रही है।
वाराणसी, जेएनएन। अंधकार को क्यों धिक्कारें अच्छा हो खुद दीप जलायें। हमने तो यह ठाना है, खुद का समाज बनाना है, कुछ इन्हीं बुलंद हौसलों के साथ सुनहरे भविष्य के सपनों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम नागेपुर में लड़कियां इन दिनों स्कूटी चलाना सीख रही हैं। आशा ट्रस्ट एवं लोक समिति द्वारा आयोजित किशोरी समर कैम्प कार्यक्रम में नागेपुर और आसपास के गांवों की दर्जनों लड़कियां पिछले एक सप्ताह से स्कूटी और बाइक चलाना सीख रही हैं।
बाइक सीख रही ज्योति गुप्ता का कहना है कि इस समय वह ग्रेजुएशन डिग्री की पढाई कर रही हैं पढाई पूरी करने के बाद शहर जाकर अच्छी नौकरी करना चाहती हैं। गांव से आने जाने का कोई सार्वजनिक यातायात बस की सुविधा नहीं है इसलिए वह बाइक चलाकर खुद अपने पैर पर खड़ा होना चाहती हैं। इसी तरह सीमा बीएससी की छात्रा हैं उनका कहना है कि वह भविष्य में डॉक्टर बनना चाहती हैं, आगे की पढ़ाई के लिए स्कूटी सीखकर शहर जाना चाहती हैं। सोनी बानो का कहना है कि बाजार या बाहर जाने के लिए अक्सर परिवार वालों के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है इसलिए बाइक सीखकर आगे का रास्ता अब वह खुद तय करना चाहती हैं। जीवन में पहली बार बाइक चलाकर आत्मविश्वास से भरी बेबी की खुशी का ठिकाना नहीं है, बताया कि ब्यूटीशयन का कोर्स किया है बाइक सीखकर खुद का पार्लर चलाना चाहती हैं। इसी तरह ट्रेनिंग ले रही सभी लड़कियों ने खुलकर स्कूटी सीखने के बाद सभी अपने अपने भविष्य की योजनाएं बतायी।
लड़कियों को स्कूटी सिखा रहे लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने बताया कि 10 मई से चल रहे किशोरी समर कैंप में करीब 80 लड़कियां सिलाई कढ़ाई, ब्यूटीशियन, कम्प्यूटर चलाना, स्पीकिंग इंग्लिश आदि रोजगार परक कोर्स सीख रही हैं। यातायात की अच्छी व्यवस्था नही होने के कारण अक्सर लड़कियां आगे की पढाई, नौकरी करना या बाजार नही जाना चाहती। आज भी गांवों में लड़कियों को मोटर बाइक चलाना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है, अपने अधिकारों के लिये आगे आने वाली लड़कियों को अक्सर बहुत सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता। इसलिए लड़कियों को खुद के वाहन चलाकर बाजार, कालेज या नौकरी करने जाना इन लड़कियों का एक सपना है। प्रशिक्षण शिविर में लड़कियों को खुद के पैरों पर खड़ा होकर आत्म निर्भर बनने के लिए मोटर बाइक चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। स्कूटी ट्रेनिंग कार्यक्रम में बेबी देवी, ज्योति, प्रीति, निशा, प्रियंका, आरती, गुंजा, निशा पटेल आदि लड़कियां बाइक चलाना सीख रही हैं। लड़कियों को अमित, रामबचन, सुनील और मनीष पंचमुखी ट्रेनिंग दे रहे हैं। सोनी, सरिता, अनीता, विद्या, सीमा, मैनम, शमा बानो भी इसमें सहयोग दे रही हैं।
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