गाजीपुर सीएमओ कार्यालय धमकी आइबी की टीम, आइडी से जनरेट कार्ड व व्हाट्सएप स्क्रीनशाट में रुपये के लेने-देन का मिला ब्यौरा
कई प्रदेशों में जिला अस्पताल की आइडी से बने व जनरेट हुए आयुष्मान कार्ड की जांच के लिए सोमवार को इंटेलीजेंस ब्यूरो की टीम सीएमओ कार्यालय धमक पड़ी।
गाजीपुर [पवन कुमार श्रीवास्तव]। कई प्रदेशों में जिला अस्पताल की आइडी से बने व जनरेट हुए आयुष्मान कार्ड की जांच के लिए सोमवार को इंटेलीजेंस ब्यूरो की टीम सीएमओ कार्यालय धमक पड़ी। सीएमओ से रिपोर्ट तलब कर फाइल अपने साथ ले गई। इससे उन लोगों के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं जिसकी इसमें किसी न किसी तरह संलिप्तता है। उधर, जांच पड़ताल में आरोग्य मित्र की आइडी से जनरेट कार्ड व व्हाट्सएप स्क्रीनशाट में पैसे के लेने-देन का भी ब्यौरा भी मिला है। जांच अधिकारी रिपोर्ट सीएमओ को सौंपते हुए साइबर सेल से जांच कराने की संस्तुति भी की है। उधर, शासन के निर्देश पर आरोग्य मित्र को हटाने की कवायद भी विभाग के उच्चाधिकारियों की ओर से शुरू कर दी गई है।
आयुष्मान कार्ड जनरेट व बनाने में हुई धांधली की जांच के दौरान एसीएमओ जिला अस्पताल के आरोग्य मित्र ओमप्रकाश यादव का लिखित बयान लिया। इस दौरान उसने जांच अधिकारी को जानकारी दी कि योजना से जुड़े अमित उपाध्याय व अनिल यादव को यूजर आइडी व पासवर्ड दिया गया है। इस संबंध में अमित व अनिल ने बयान में बताया कि पोर्टल का प्रयोग उनके द्वारा नहीं किया जा सकता। वजह ओटीपी के लिए आरोग्य मित्र ओमप्रकाश यादव का ही मोबाइल पंजीकृत है। जांच अधिकारी को छानबीन में पता चला कि जितनी बार पोर्टल पर लागिन किया जाएगा। उतनी बार पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) प्राप्त होता है। इसमें आरोग्य मित्र की संलिप्तत सामने आई। साथ ही उसके व्हाट््सएप स्क्रीनशाट के ङ्क्षप्रट आउट में पैसे का लेन-देन मैसेज का जिक्र भी है। इंटनेट आधारित मामला होने के चलते इसकी जांच साइबर सेल से कराने की संस्तुति करने के साथ रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी गई। इधर, कार्ड में धांधली की जानकारी होते ही आइबी की दो सदस्यीय टीम सीएमओ कार्यालय पहुंची व मुख्य चिकित्साधिकारी से पूछताछ कर फाइल भी अपने साथ लेती गई। इसकी जानकारी होते ही विभाग के अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मियों खलबली मच गई।
करीब 22 लाख रुपये से ऊपर का हुआ इलाज
प्रदेश ही नहीं कई प्रांतों में फर्जी तरीके बने आयुष्मान कार्ड पर हजारों अपात्रों ने अपना इलाज भी करा लिया है। जब योजना से जुड़े अस्पतालों ने अपने खर्च के भुगतान के लिए शासन के पास पत्र भेजा तो पता चला कि एक लाभार्थी परिवार के कार्ड पर सैकड़ों लोगों को जोड़कर उनका गोल्डेन कार्ड जनरेट कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक करीब 22 लाख रुपये से ऊपर का इलाज हो चुका है। इस बारे में सीएमओ डा. जीसी मौर्या ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट सौंप दी गई है, जिसे शासन व जिला प्रशासन के पास भेज दिया जाएगा। साथ ही आरोग्य मित्र को हटाने की कार्रवाई भी तेज कर दी गई है।