जर्मन वैज्ञानिक 101 बिंदुओं पर करेंगे गंगा जल की जांच
वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में युगों-युगों से बहने वाली गंगा की जांच की जाएगी।
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में युगों-युगों से बहने वाली गंगा का जल इतना निर्मल और अविरल हो कि उसका आचमन किया जा सके। इसके लिए नमामि गंगे और नेशनल कमीशन फॉर क्लीन गंगा ने कमर कस ली है। इनकी ओर से गंगा जल की जांच के लिए जर्मनी के वैज्ञानिकों को बनारस भेजा गया है जो 101 बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट तैयार करेंगे।
यह रिपोर्ट जल शक्ति मंत्रालय को भेजी जाएगी जिसके सुझाव पर गंगा निर्मलीकरण के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर क्रियान्वित किया जाएगा। जर्मन वैज्ञानिकों ने बुधवार को गंगा में स्टीमर से सफर किया और दशाश्वमेध व असि घाट पर गंगा जल के नमूने लिए। बताया कि इन नमूनों की जांच बनारस के अलावा दिल्ली में भी होगी। दिन व रात दो वक्त जांच की जाएगी ताकि स्पष्ट हो सके कि अलग-अलग तापमान में जांच रिपोर्ट एक ही है या भिन्न। मंगलवार की रात दिल्ली से आई नेशनल कमीशन फॉर गंगा की तीन सदस्यीय टीम में जर्मनी के पैट्रिक डोल व क्रिस्टी और भारत की डा. स्वाति शामिल हैं। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी डा. टीएन सिंह की टीम उनका सहयोग कर रही है। डा. टीएन सिंह ने बताया कि हम लोग प्रतिदिन 101 बिंदुओं पर गंगा के पानी का परीक्षण करते हैं और उसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजते हैं। उसी के आधार पर योजनाएं बनती हैं। प्रोजेक्ट समन्वयक पैट्रिक डोल की टीम ने यह भी देखा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक और तकनीकी अधिकारी गंगा जल का किस तरह से नमूना लेते हैं। उसकी निगरानी और परीक्षण किस प्रकार से करते हैं। शाम को टीम ने भगवानपुर एसटीपी का दौरा किया। यहां पर टीम ने पाया कि एसटीपी आधी क्षमता से ही कार्य कर रही है। क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि बुधवार को सुबह दिल्ली से आई टीम ने पावर प्रेजेंटेशन के द्वारा कई नई तकनीक के बारे में जानकारी दी। टीम नमामि गंगे को रिपोर्ट देगी। उसी के आधार पर आने वाले दिनों पर बनारस में कार्य होगा। नमूनों के कुछ परीक्षण बुधवार को रात में होंगे कुछ के गुरुवार को होंगे।