आफत झेल रही 'काशी' की आधी आबादी, अपहरण में गाजीपुर अव्वल तो चंदौली में महिलाएं महफूज
आधी आबादी काशी में उत्पीडऩ के आफत में उलझी है। मई के अंतिम पखवाड़े में 30 महिलाओं को इसका दंश झेलना पड़ा।
वाराणसी, जेएनएन। आधी आबादी काशी में उत्पीडऩ के आफत में उलझी है। मई के अंतिम पखवाड़े में 30 महिलाओं को इसका दंश झेलना पड़ा। परिक्षेत्र में जौनपुर हत्या, दहेज व दुष्कर्म में दूसरे स्थान पर तो चंदौली में महिलाएं महफूज हैं। वाराणसी में अफसरों की फौज के बावजूद आधी आबादी का आफत में होना व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। हालांकि, पिछली सरकार व दो साल के औसत आपराधिक आंकड़े जरूर राहत देने वाले हैं।
यूपी में योगी सरकार आई भी तो उसके पीछे उसका भयमुक्त समाज देने का वादा ही मुख्य रहा है। आधी आबादी को यही चाहिए भी था, जिसे सरकार अस्तित्व में आने के बाद अंकुश को एंटी रोमियो टीम उतारी।
वाराणसी में महिला अपराध से जुड़े मई माह के अंतिम पखवाड़े में तो 30 महिलाओं का उत्पीडऩ तो बीते साल की इस अवधि में 15 रहा था। जौनपुर में सबसे ज्यादा तीन महिलाओं का खून बहा जो बीत तीन साल में शून्य पर अटका था। कमोबेश यही स्थिति चेन स्नेचिंग शून्य के सापेक्ष तीन, दुष्कर्म एवं अपहरण में सबसे ज्यादा क्रमश: चार व 12 है। जौनपुर ने हत्या को रोकने में जरूर कामयाबी पायी है।
चंदौली जिले के औसतन आंकड़े जरूर महिलाओं को महफूज दर्शाते हैं। मसलन हत्या, दुष्कर्म, छेड़खानी, चेन स्नेचिंग की घटनाएं शून्य के स्तर हैं। परिक्षेत्र के चारो जिले चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर में महिलाओं से संबंधी आपराधिक घटनाओं के औसत आंकड़े राहत देने वाले हैं। मसलन, दुष्कर्म के वर्ष 2017, 2018 में क्रमश: 17, 18 तो 2019 में महज छह, अपहरण 64, 51 के सापेक्ष 28, छेड़खानी दो, एक के सापेक्ष एक, महिला उत्पीडऩ 62, 33 के सापेक्ष 44, चेन स्नेचिंग एक, चार के सापेक्ष चार, दहेज हत्या आठ, दो के सापेक्ष एक है। हत्या का आंकड़ा जरूर एक, तीन से बढ़कर चार पर आ पहुंचा है।
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