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पांच लाख से अधिक रोज चपत लगा रहे गैस वेंडर, कैश एंड कैरी की छूट नहीं मिलने से गुस्से में उपभोक्ता

सीएनसी (कैश एंड कैरी) के नाम पर मिलने वाली छूट पर लूट का खेल तो गैस एजेंसी वाले कई वर्षों से कर रहे हैं। ग्राहकों की जेब से रोजाना 25 हजार रुपये से अधिक गोल कर ही रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 01:23 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 01:23 PM (IST)
पांच लाख से अधिक रोज चपत लगा रहे गैस वेंडर, कैश एंड कैरी की छूट नहीं मिलने से गुस्से में उपभोक्ता
पांच लाख से अधिक रोज चपत लगा रहे गैस वेंडर, कैश एंड कैरी की छूट नहीं मिलने से गुस्से में उपभोक्ता

वाराणसी, जेएनएन। सीएनसी (कैश एंड कैरी) के नाम पर मिलने वाली छूट पर लूट का खेल तो गैस एजेंसी वाले कई वर्षों से कर  रहे हैं। ग्राहकों की जेब से रोजाना 25 हजार रुपये से अधिक गोल कर ही रहे हैं। ऊपर से वेंडर भी प्रतिदिन पांच लाख रुपये से अधिक की चपत लगा रहे हैं। गैस डीलर्स एवं गैस सिलेंडर वितरण करने वाले वेंडरों की इस ठगी का लगभग हर उपभोक्ता शिकार है। ऐसा नहीं कि इसकी शिकायत एजेंसी के मालिकों या गैस कंपनियों के बड़े अधिकारियों को नहीं है। लोगों द्वारा शिकायत के बाद भी अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से ग्राहकों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। उनका कहना है कि गैस सिलेंडर देने के लिए ग्राहकों से 30 से 50 रुपये अधिक लिए जा रहे हैं। जिले में प्रतिदिन औसतन 17 हजार गैस सिलेंडर की बिक्री होती है। इस हिसाब से 5 से10 लाख रुपये रोजाना लोगों को निर्धारित मूल्य से अधिक देना पड़ रहा है। दैनिक जागरण की ओर से चल रहे चार दिवसीय अभियान 'ग्राहक से छल' के बाद जागरूक ग्राहकों ने खुलकर अपनी पीड़ा बयां की।

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गैस एजेंसी वाले अलग-अलग ही तर्क दे रहे

कैश एंड कैरी के नाम पर हो रही लूट को लेकर गैस एजेंसी वाले अलग-अलग ही तर्क दे रहे हैं। वहीं वेंडरों द्वारा होम डिलीवरी के नाम पर 50 रुपये तक अधिक लिए जाने पर भी उनका तर्क-कुतर्क कम नहीं है। सीएनसी के नाम पर हजारों रुपये ठगी को लेकर एजेंसी संचालकों का कहना है कि उनके गोदाम पर से तो सिलेंडर दिया ही जाता है। ऐसे में सीएनसी की प्रति सिलेंडर 27.60 रुपये की छूट देने की तो बात ही दूर है। अगर कोई जागरूक उपभोक्ता छूट की मांग भी करता है तो उल्टे दुव्र्यवहार भी किया जाता है। वहीं, वेंडरों द्वारा रोजाना पांच लाख रुपये से अधिक जेब में डालने पर एजेंसी वालों का कहना होता है कि यह ग्राहकों की स्वेच्छा के ऊपर है। यानी एजेंसी की तरफ से सिर्फ पर्ची पर अंकित मूल्य ही लेने का नियम है। जिले में इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन व हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन कंपनियों के मुख्य रूप से 80 डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं। होम डिलीवरी पर वेंडर सिलेंडर के मूल्य से अधिक की डिमांड कर लेते हैं और गोदाम से लेने पर सीएनसी का लाभ भी नहीं देते। यानी ग्राहकों की जेब दोनों तरफ से कट रही है।

यहां भी कर सकते हैं शिकायत

टोल फ्री नंबर : 1906

टोल फ्री नंबर : 18002333555

एलपीजी के क्षेत्रीय प्रबंधक : 9415019175

बोले गैस एजेंसी प्रबंधक

हमारे गोदाम से करीब दो वर्षों से गैस सिलेंडर नहीं दिया जा रहा है। ग्राहक भले ही गेट के बाहर ट्राली वेंडर से सिलेंडर ले लें। यहां से सिर्फ होम डिलीवरी की व्यवस्था है। ऐसे में कैश एंड कैरी की छूट देने की बात ही पैदा नहीं होती। वैसे सीएनसी के बारे में मुख्य द्वार पर ही लिखा जाएगा। 

-तेज बहादुर सिंह, प्रबंधक

राजश्री गैस एजेंसी, परमानंदपुर

ग्राहकों का हक दें डीलर्स

चौकाघाट निवासी मोहिनी वर्मा ने कहा कि दैनिक जागरण में पढ़कर जानकारी मिली कि सीएनसी न देकर एजेंसी वाले हजारों रुपये ग्राहकों की जेब से चपत लगा रहे हैं। ऐसे गैस डीलर्स के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि सीएनसी की जानकारी दी जाए और गैस के उचित मूल्य में से 27 रुपये वापस किया जाए। डीलर्स ग्राहकों का हक दे या फिर लोगों के आक्रोश का सामना करने को तैयार रहें। नटिनियादाई निवासी एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि गैस पहुंचाने वाले सभी ट्राली मैन 20 रुपये तक अतिरिक्त मांगते हैं। इंडेन का कोई अधिकारी इस पर कार्रवाई नहीं करता। क्या इस पर अंकुश नहीं लग सकता।

अधिक पैसा लेने वाली एजेंसी पर हो कार्रवाई

सुंदरपुर, करमजीतपुर के बीपी सिंह का आरोप है कि ट्राली मैन प्रति सिलेंडर 25-30 रुपये अधिक लेता है। कुछ बोलने पर दुर्व्‍यवहार भी करता है। एजेंसी वालों को चाहिए कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें। चौकाघाट के शशांक शेखर गुप्ता का कहना है कि वेंडर उचित मूल्य से अधिक पैसा भी लेते हैं। साथ ही गैस भी जल्द नहीं मिलती। कभी-कभार तो गैस का वजन भी कम होता है। रसुलपुर-लमही के शैलेंद्र कुमार चौबे ने आरोप लगाया है कि  गैस वाले ने गोदाम से भी 930 रुपये में सिलेंडर दिया, जबकि पर्ची पर 918 रुपये ही लिखा है। अगर देखा जाए तो 27.60 प्लस 12 रुपये यानी 39 से 45 रुपये तक अधिक लिया जा रहा है। सीएनसी की छूट की बात की गई तो कर्मचारी लडऩे एवं दुव्र्यवहार करने पर उतारू हो गए। गोदाम पर कैश एंड कैरी की छूट मात्र 15 रुपये ही लिखी थी। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं रामापुरा के प्रमोद वर्मा का कहना है कि उन्होंने 14 फरवरी को ही गैस की बुकिंग कराई, लेकिन अभी तक उनको गैस नहीं मिली है। कसपेठी के चंद्रभूषण ने आरोप लगाया कि वेंडर 50 रुपये अधिक लेते हैं। आशापुर के घनश्याम मिश्र का कहना है कि कैश एंड कैरी व उचित मूल्य के बारे में एजेंसी वालों को गोदाम के मुख्य गेट पर ही लिखना चाहिए। साथ ही ऐसा एक सॉफ्टवेयर भी विकसित करने की जरूरत है।


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