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Garbagefree City नगर निगम को पता नहीं था कि रेटिंग में शामिल होने को क्या करना है, हुआ बाहर

गार्बेज फ्री सिटी की टीम ने वाराणसी में खाली पड़े भूखंडों में जमा कूड़ा देख कर ही नगर निगम को रेटिंग से बाहर कर दिया। एक बार फिर नगर निगम प्रशासन अपनी कमियों को ढूंढने में लग गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 03:33 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 03:33 PM (IST)
Garbagefree City नगर निगम को पता नहीं था कि रेटिंग में शामिल होने को क्या करना है, हुआ बाहर
Garbagefree City नगर निगम को पता नहीं था कि रेटिंग में शामिल होने को क्या करना है, हुआ बाहर

वाराणसी, [डॉ. श्रीराम त्रिपाठी]। गार्बेज फ्री सिटी की टीम ने शहर में खाली पड़े भूखंडों में जमा कूड़ा देख कर ही नगर निगम को रेटिंग से बाहर कर दिया। दिसंबर में आई टीम को सफाई निरीक्षकों ने सर्वेक्षण के दौरान शहर के उन चौराहों और गलियों को दिखाया जहां अमूमन सफाई रहती है या टीम के पहुचंने से पूर्व वहां सफाई कर दी गई थी। इसके बावजूद टीम ने उन जगहों पर फोकस किया जहां खाली पड़े भूखंडों से महीनों से कूड़ा नहीं उठा था। तब तक नगर निगम की सफाई में भूखंडों में पड़ा कूड़ा शामिल नहीं था।

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इसी कमजोर कड़ी को केंद्र बिंदु मानकर टीम को लगा कि कूड़े से पटे पड़े शहर को गार्बेज फ्री की रेटिंग में कैसे शामिल किया जा सकता है। गार्बेज फ्री सिटी की ओर से नगर निगम को रेटिंग में शामिल नहीं होने के जो कारण गिनाए गए है उनमें मुख्य कारण शहर के खाली पड़े भूखंडों में पड़ा कूड़ा है। साथ ही आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से जुड़ी एजेंसी ने नगर निगम को ऐसे फोटोग्राफ भेजे हैं जिसे नगर निगम प्रशासन को विश्वास ही नहीं हो रहा है। यह फोटो नगर निगम सीमा के अंदर की है।

निगम प्रशासन को जो फोटो भेजे गए हैं। वे सारनाथ, सिकरौल, शिवपुर, खोजवां, आदमपुर और जैतपुरा के हैं। नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक आदमपुर में 57 भूखंड खाली है जहां लोग कूड़ा फेंककर गंदगी करते हैं। इसी तरह सारनाथ में 349, शिवपुर में 157, सिकरौल में 81, जैतपुरा में 20, खोजवा में 64, नगवां में 43, सिगरा में 15 और नदेसर में 28 भूखंड हैं। जहां लोग कूड़ा डालते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि नगर निगम को पता ही नहीं था कि गार्बेज फ्री सिटी की रेटिंग में शामिल होने के लिए उसे करना क्या है। नगर आयुक्त गौरांग राठी ने भी माना कि चूक हो गई है। हालांकि सर्वे करने आई टीम ने भूखंडों के दीवारों को फांदकर उसकी फोटोग्राफी की थी लेकिन उनके साथ चल रहे स्वास्थ्य निरीक्षकों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

यहीं कारण है कि अब नगर निगम शहर के कूड़ा को साफ करने के साथ खाली पड़े भूखंडों की सफाई भी करा रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण से पूर्व गार्बेज फ्री सिटी की रेटिंग ने नगर निगम के अधिकारियों की चिंता और बढ़ा दिया है। रेटिंग से पूर्व अपने को सर्वोच्च दस की सूची में शामिल होनेे का कयास लगाने वाले स्वास्थ्य निरीक्षक से लेकर नगर आयुक्त के चेहरे पर हवाइयां उडऩे लगी है। एक बार फिर वे अपनी कमियों को ढूंढने में लग गए हैं।


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